नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एएनआई को दिए साल के पहले इंटरव्यू में कहा कि सरकार निर्माण संबंधी सामग्री को माल एवं सेवा (जीएसटी) कर के 5 प्रतिशत टैक्स स्लैब में लाने के पक्ष में है। उन्होंने कहा कि कर ढांचे में आगे भी बदलाव होते रहेंगे क्योंकि यह सुधार के लिए अभी काफी संभावनाएं हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा जीएसटी को गब्बर सिंह टैक्स और ग्रांड स्टूपिड थॉट जैसे बयानों पर पीएम मोदी ने कहा कि जिसकी जैसी सोच, वैसे उसके शब्द। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जीएसटी से संबंधित सभी निर्णय जीएसटी परिषद में सर्वसम्मति से लिए जाते हैं, जिसमें राज्य सरकारों का प्रतिनिधित्व भी है, जिसमें कांग्रेस के लोग भी शामिल हैं। पीएम मोदी ने कहा कि क्या वे अपनी स्वयं की पार्टी नेताओं और पार्टी की सरकारों को गाली दे रहे हैं क्या? केवल राजनीति के लिए हो हल्ला करना अच्छ नहीं है।
उन्होंने कहा कि कुछ छोटे व्यापारियों को परेशानी हुई। हमें इसके बारे में पता था। लेकिन सरकार की जिम्मेदारी है कि वह उनकी चिंताओं को समझे और उनके प्रति संवेदनशील बने। इसलिए, जो भी हमारे नोटिस में आया, उसे हमनें जीएसटी परिषद को भेजा। हमनें संयुक्तरूप से यह सोचा कि कैसे जीएसटी को सरल बनाया जाए।
कारोबारियों को राहत देने के बारे में बोलते हुए मोदी ने कहा कि केंद्र सरकार चाहती थी कि टैक्स दायित्व स्लैब को 20 लाख से बढ़ाकर 75 लाख रुपए किया जाए लेकिन ऐसा नहीं हुआ क्योंकि जीएसटी परिषद की अंतिम बैठक में कुछ राज्यों ने इसका विरोध किया। इसलिए इस मुद्दे को जीएसटी परिषद द्वारा स्थापित समिति को सौंपा गया है। जैसे ही समिति कोई निर्णय लेगी, तो इससे बहुत से लोगों को फायदा होगा।
पीएम मोदी ने कहा कि सरकार निर्माणाधीन और पूर्णता निर्मित घरों में उपयोग होने वाली सामग्री को 5 प्रतिशत टैक्स स्लैब में लाना चाहती है। लेकिन इसके लिए भी कुछ राज्य विरोध कर रहे हैं। इसलिए जीएसटी परिषद ऐसा नहीं कर सकती। इस मुद्दे को भी समिति के पास भेजा गया है। हम यह कोशिश करेंगे कि जिनता जल्दी हो सके समिति अपनी रिपोर्ट सौंप दे।
हम जीएसटी को आसान बनाने के लिए निरंतर प्रयास कर रहे हैं और यह सुनिश्चित करते हैं कि उपभोक्ताओं के हितों की पूर्ण सुरक्षा की जाएगी। इतने कम समय में, भारत जैसे बड़े देश में, जो भी हमने हासिल किया है, वह छोटा नहीं है...यहां अभी भी सुधार की संभावना है। हम लगातार बदलाव कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि पिछले कुछ दिनों में दैनिक उपयोग की 1200-1250 वस्तुओं पर टैक्स की दर को कम किया गया है, कुछ को 18 प्रतिशत, कुछ को 12 प्रतिशत, कुछ को 5 प्रतिशत और कुछ को शून्य प्रतिशत स्लैब में रखा गया है। मोदी ने कहा कि 500 वस्तुओं पर वर्तमान में शून्य जीएसटी है, जिनपर एक समय बहुत अधिक कर लगता था।
प्रणब मुखर्जी जब वित्त मंत्री हुआ करते थे, तब से जीएसटी का सिलसिला चल रहा है। संसद में जीएसटी सर्वसम्मति से पारित हुआ है। मोदी ने कहा कि जीएसटी से पहले, देश में टैक्स की दर कुछ छुपे हुए करों और दोहरे करों की वजह से अधिकतम 30-40 प्रतिशत तक थी, जीएसटी ने इस सब को खत्म किया है। उन्होंने कहा कि जीएसटी परिषद में सभी बराबर स्थिति में हैं, पुडुचेरी और भारत सरकार दोनों बराबर हैं।