नई दिल्ली। सरकार ने मंगलवार को एम्फोटेरिसिन-बी इंजेक्शन के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया, जिसका इस्तेमाल म्यूकोर्मिकोसिस या ब्लैक फंगस संक्रमण के इलाज के लिए किया जाता है। विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) द्वारा जारी एक अधिसूचना के अनुसार इंजेक्शन के निर्यात को प्रतिबंधित श्रेणी में रखा गया है। इसका मतलब है कि एक निर्यातक को अपनी निर्यात खेप के लिए निदेशालय से विशेष अनुमति या लाइसेंस लेना जरूरी है। डीजीएफटी के निर्देशों के मुताबिक एम्फोटेरिसिन-बी इंजेक्शन का निर्यात तत्काल प्रभाव से प्रतिबंधित कर दिया गया है। देश में लगातार ब्लैक फंगस के बढ़ते मामलों और उसके घातक असर को देखते हुए सरकार ने ये फैसला लिया है।
आयात पर मिली छूट
पिछले हफ्ते ही जीएसटी काउंसिल की बैठक के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एम्फोटेरिसिन-बी इंजेक्शन के आयात को एकीकृत जीएसटी से छूट देने का फैसला किया है। जिससे इंजेक्शन की सप्लाई बढ़ाई जा सके। देश में अब तक ब्लैक फंगस के 15 हजार से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। कोरोना के मुकाबले ब्लैक फंगस के परिणाम ज्यादा गंभीर देखने को मिल रहे हैं। इसे देखते हुए सरकार दवा की सप्लाई बढ़ाने के लिये 2.3 लाख शीशियां खरीद रही है।
कोरोना पर मिले राहत के संकेत
दूसरी तरफ कोरोना से राहत के संकेत मिलने लगें हैं। नये मामलों की संख्या गिरावट के साथ डेढ़ लाख से नीचे आ गयी है। इसके साथ ही कुल सक्रिय मामलों की संख्या में भी लगातार गिरावट देखने को मिल रही है।
यह भी पढ़ें- SBI ने अपने ग्राहकों के लिये कैश निकालने के नियम बदले, जानिये क्या किये गये हैं बदलाव
यह भी पढ़ें- कोविड संकट: PF खाताधारकों के लिये बड़ी खबर, पैसा निकालने के लिये सरकार ने दी एक और राहत