नई दिल्ली। सरकार ने 2016-17 के खरीफ सत्र के लिए धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 60 रुपए बढ़ाकर 1,470 रुपए प्रति क्विंटल कर दिया है। मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति की बैठक में इस संबंध में फैसला लिया गया। मंत्रिमंडल ने 2016-17 खरीफ सत्र के लिए दालों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में भी उल्लेखनीय बढ़ोतरी को मंजूरी दी है।
सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य पर किसानों से धान खरीदती है। खरीफ फसल की बुवाई इस महीने दक्षिण-पश्चिम मानसून आने के साथ शुरू होगी। धान इस मौसम की मुख्य फसल है। एक सूत्र ने बताया, आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने 2016-17 के खरीफ सत्र के लिए धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 60 रुपए प्रति क्विंटल बढ़ाने को मंजूरी दे दी। उन्होंने बताया कि इसके साथ ही धान की सामान्य किस्म का एमएसपी बढ़कर 1,470 रुपए क्विंटल हो गया, जबकि सबसे बढि़या ए-श्रेणी के धान का एमएसपी बढ़कर 1,510 रुपए क्विंटल कर दिया गया है। इससे पिछले साल खरीफ (गर्मियों) सत्र में सामान्य किस्म के धान का एमएसपी 1,410 रुपए और ए-ग्रेड के धान के लिए 1,450 रुपए प्रति क्विंटल तय किया था। सरकार ने धान का एमएसपी आंशिक तौर पर बढ़ाया है क्योंकि देश में फिलहाल पर्याप्त भंडार है और मूल्य वृद्धि में उत्पादन लागत शामिल है।
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दलहन और तिलहन को छोड़कर मंत्रिमंडलीय समिति ने सरकार की कृषि मूल्य परामर्श संस्था सीएसीपी के सुझावों के मुताबिक अन्य फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य को भी मंजूरी दी। सूत्रों ने बताया कि सरकार ने 2016-17 के लिए दलहन के एमएसपी में अच्छी वृद्धि की है ताकि घरेलू उत्पादन बढ़ाया जा सके और देश की इसके आयात पर निर्भरता घटाई जा सके। सूत्रों ने कहा कि मंत्रिमंडलीय समिति ने इसमें बोनस सहित 400 रुपए प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी को मंजूरी दी है ताकि किसानों को इस साल अधिक दलहन उत्पादन के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जा सके।
उन्होंने बताया कि इसी तरह तिलहन के न्यूनतम समर्थन मूल्य में भी अच्छी बढ़ोतरी की गई है। कपास के संबंध में मध्यम रेशे वाले कपास का न्यूनतम समर्थन मूल्य 60 रपए प्रति क्विंटल बढ़ाकर 3,860 रुपए क्विंटल और लंबे रेशे के कपास के लिए इसे बढ़ाकर 4,160 रुपए क्विंटल कर दिया गया है। सरकार दो साल के लगातार सूखे के बाद इस साल बेहतर मानसून के मद्देनजर वित्त वर्ष 2016-17 के दौरान कृषि क्षेत्र में वृद्धि के प्रति आशान्वित है।