नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने बेस स्टेशन और डिजिटल लाइन प्रणाली सहित चुनिंदा संचार उपकरणों पर आयात शुल्क बढ़ाकर 20 प्रतिशत कर दिया है। यह दूसरी बार है जब सरकार ने आयात शुल्क बढ़ाया है। इससे पहले 26 सितंबर को घरेलू रेफ्रिजरेटरों और एअर कंडीशनरों सहित 19 वस्तुओं पर आयात शुल्क बढ़ाया गया था। सरकार ने चालू खाते के घाटे को बढ़ने से रोकने के लिए गैर जरूरी आयात में कमी लाने की घोषणा की थी। संचार उपकरणों पर आयात शुल्क में बढ़ोत्तरी शुक्रवार से प्रभाव में आ जाएगी।
एक अधिसूचना में, सेंट्रल बोर्ड ऑफ एक्साइज एंड कस्टम (सीबीआईसी) ने कहा है कि केंद्र सरकार ने कस्टम टैरिफ एक्ट, 1975 के फर्स्ट शेड्यूल के चैप्टर 85 में तहत आने वाले उत्पादों पर कस्टम ड्यूटी तत्काल प्रभाव से बढ़ाने का फैसला किया है।
चैप्टर 85 में इलेक्ट्रीकल मशीनरी और उपकरण, साउंड रिकॉर्डर, टेलीविजन इमेज रिकॉर्डर और उनके पार्ट्स आते हैं। बेस स्टेशन और डिजिटल लाइन सिस्टम पर आयात शुल्क दोगुना बढ़ाकर 20 प्रतिशत किया गया है। अभी तक इन पर 10 प्रतिशत आयात शुल्क लगता था। संशोधित आयात शुल्क शुक्रवार से प्रभावी होगा। संचार उद्योग में इस्तेमाल होने वाले कुछ इनपुट पर आयात शुल्क बढ़ाया गया है, इनमें प्रिंटर सर्किट बोर्ड असेंबली (पीसीबीए) भी शामिल है। मोबाइल फोन, बेस स्टेशन और ऑप्टीकल ट्रांसपोर्ट उपकरणों को छोड़कर अन्य सभी में इस्तेमाल होने वाले पोपूलेटेड, लोडेड य स्टफ्ड प्रिंटेड सर्किट बोर्ड पर आयात शुल्क को बढ़ाकर 10 प्रतिशत किया गया है।
वित्त वर्ष 2018-19 के पहली तिमाही में चालू खाता घाटा जीडीपी का 2.4 प्रतिशत हो गया है। अधिक व्यापार घाटा और रुपए के कमजोर होने से चालू खाते के घाटे पर दबाव बढ़ गया है। इससे पहले सरकार ने 15 सितंबर को कम्प्रेशर, स्पीकर, फुटवियर, वॉशिंग मशीन सहित 19 उत्पादों पर आयात शुल्क बढ़ाकर दोगुना तक करने की घोषणा की थी।