नई दिल्ली। सरकार ने शुक्रवार की रात पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी बढ़ाने का ऐलान किया है। सरकार ने अपने बजट टारगेट को हासिल करने के लिए अतिरिक्त राजस्व जुटाने हेतु यह कदम उठाया है। सरकार ने पेट्रोल पर 1.60 रुपए प्रति लीटर और डीजल पर 40 पैसा प्रति लीटर की एक्साइज ड्यूटी बढ़ाई है। पिछले एक साल में सरकार ने पांचवीं बार पेट्रोल-डीजल पर लगने वाली एक्साइज ड्यूटी में वृद्धि की है।
सेंट्रल बोर्ड ऑफ एक्साइज एंड कस्टम (सीबीईसी) ने अधिसूचना जारी कर कहा है कि अनब्रांडेड पेट्रोल पर बेसिक एक्साइज ड्यूटी 5.46 रुपए प्रति लीटर से बढ़ाकर 7.06 रुपए प्रति लीटर की गई है। अतिरिक्त और स्पेशल एक्साइज ड्यूटी को मिलाने के बाद पेट्रोल पर कुल ड्यूटी 19.06 रुपए प्रति लीटर होगी, जो कि पहले 17.46 रुपए प्रति लीटर थी। इसी प्रकार अनब्रांडेड डीजल पर एक्साइज ड्यूटी को 4.26 रुपए प्रति लीटर से बढ़ाकर 4.66 रुपए प्रति लीटर किया गया है। स्पेशनल एक्साइज ड्यूटी को मिलाने के बाद डीजल पर कुल एक्साइज ड्यूटी 10.66 रुपए प्रति लीटर होगी, जो कि पहले 10.26 रुपए प्रति लीटर थी। सरकार द्वारा एक्साइज ड्यूटी बढ़ाने से उपभोक्ता कीमतों पर कोई असर नहीं पड़ेगा और रिटेल में बिकने वाले डीजल-पेट्रोल की कीमतों में कोई वृद्धि फिलहाल नहीं होगी।
ब्रांडेड पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी 6.64 रुपए से बढ़ाकर 8.24 रुपए प्रति लीटर की गई है। विशेष और अतिरिक्त एक्साइज ड्यूटी पहले की तरह ही 12 रुपए प्रति लीटर ही रहेगी। ब्रांडेड डीजल पर एक्साइज ड्यूटी 6.62 रुपए से बढ़ाकर 7.02 रुपए प्रति लीटर की गई है। इस पर अतिरिक्त एक्साइज ड्यूटी को पहले की तरह ही 6 रुपए प्रति लीटर रखा गया है।
आम आदमी को नहीं मिलेगा क्रूड की कीमतों में गिरावट का पूरा फायदा
पेट्रोल और डीजल की कीमतों के डी-रेग्युलेट हो जाने के बाद क्रूड की कीमतों में गिरावट और तेजी के हिसाब से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में भी कमी और बढ़ोतरी की जाती है। ऑयल मार्केटिंग कंपनियां हर 15 दिन में एक समीक्षा बैठक करके यह फैसला लेती हैं। सरकार की ओर से एक्साइज ड्यूटी बढ़ाने के बाद उपभोक्ताओं तक क्रूड ऑयल की कीमतों में गिरावट का पूरा फायदा नहीं पहुंचेगा।
तेल कंपनियां नहीं बढ़ाएंगी दाम
सरकार द्वारा पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी बढ़ाने के बाद भी तेल कंपनियों ने रिटेल दाम में कोई वृद्धि करने से इंकार किया है। शनिवार को एक तेल कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि एक्साइज ड्यूटी बढ़ोत्तरी का भार ग्राहकों पर डालने की अभी कोई योजना नहीं है। एक्साइज ड्यूटी बढ़ाने से सरकार को चालू वित्त वर्ष के शेष महीनों में 3200 करोड़ रुपए का अतिरिक्त राजस्व हासिल होने की उम्मीद है। वित्त वर्ष 2014-15 में सरकार ने पेट्रोलियम सेक्टर से कुल 99,184 करोड़ रुपए का एक्साइज संग्रह किया था। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में सरकार को इस सेक्टर से 33,042 करोड़ रुपए का राजस्व मिला है।
Petrol & Diesel Prices in last ten years-2
Brent Crude Oil Movement
Petrol Prices Movement in last ten years
Diesel Prices Movement in last ten years
चार बार हो चुकी है वृद्धि
पिछले साल नवंबर से जनवरी के बीच सरकार पेट्रोल और डीजल पर चार किस्तों में एक्साइज ड्यूटी को बढ़ा चुकी है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड की घटती कीमतों से कम होने वाली रिटेल प्राइस की वजह से सरकार ने एक्साइज ड्यूटी बढ़ाई है। नवंबर से जनवरी के दौरान पेट्रोल पर कुल 7.75 रुपए और डीजल पर 6.50 रुपए प्रति लीटर एक्साइज ड्यूटी बढ़ी है। इन चार वृद्धि से सरकार को अतिरिक्त 20,000 करोड़ रुपए का राजस्व हासिल हुआ है। इससे सरकार को अपना राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को हासिल करने में मदद मिली है।
पेट्रोल और डीजल पर सबसे पहले 12 नवंबर को 1.50 रुपए प्रति लीटर एक्साइज ड्यूटी बढ़ाई गई थी। इसके बाद दो दिसंबर को पेट्रोल पर 2.25 रुपए और डीजल पर 1 रुपए प्रति लीटर एक्साइज ड्यूटी बढ़ाई गई। 2 जनवरी को पेट्रोल और डीजल पर 2-2 रुपए प्रति लीटर एक्साइज ड्यूटी बढ़ाई। इसके तुरंत बाद 16 जनवरी को एक बार फिर सरकार ने पेट्रोल-डीजल पर 2-2 रुपए प्रति लीटर का इजाफा किया।