नई दिल्ली। वैश्विक स्तर का एक बैंक बनाने के लिए सरकार ने बुधवार को भारतीय स्टेट बैंक (SBI) में उसके पांच सहयोगी बैंकों के विलय प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। सरकार ने भारतीय महिला बैंक के विलय के बारे में अभी कोई फैसला नहीं किया है।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि,
केंद्रीय कैबिनेट ने पहले विलय प्रस्ताव को सैद्धांतिक मंजूरी दी थी। इसे विभिन्न बैंकों के बोर्ड के समक्ष पेश किया गया, जिसे वहां से मंजूरी हासिल हो गई। बोर्ड की सिफारिशों पर आज विचार किया गया और कैबिनेट ने इस प्रस्ताव को अंतिम मंजूरी दे दी।
एसबीआई में स्टेट बैंक ऑफ बीकाने एंड जयपुर (एसबीबीजे), स्टेट बैंक ऑफ मैसूर (एसबीएम), स्टेट बैंक ऑफ त्रवानकोर (एसबीटी), स्टेट बैंक ऑफ पटियाला (एसबीपी) और स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद (एसबीएच) का विलय किया जाएगा।
- इस विलय के साथ एसबीआई न केवल घरेलू स्तर पर बल्कि वैश्विक स्तर पर एक बहुत बड़ा बैंक बन जाएगा।
- इन बैंकों के विलय से क्षमता बहुत अधिक बढ़ जाएगी और कॉस्ट ऑफ ऑपरेशन भी कम हो जाएगी।
- इससे कॉस्ट ऑफ फंड भी अपने आप कम हो जाएगा।
- इन पांच सहयोगी बैंकों के विलय के बाद एसबीआई की संपत्ति 37 लाख करोड़ रुपए हो जाएगी।
- इसके पास 22,500 बैंक शाखाओं और 58,000 एटीएम का विशाल नेटवर्क होगा।
- इसके ग्राहकों की संख्या भी बढ़कर 50 करोड़ से अधिक हो जाएगी।
- एसबीआई के वर्तमान में 16,500 बैंक शाखाएं हैं, जिसमें से 191 शाखाएं 36 देशों में हैं।
- एसबीआई ने सबसे पहले 2008 में स्टेट बैंक ऑफ सौराष्ट्र का विलय अपने साथ किया था।
- इसके दो साल बाद स्टेट बैंक ऑफ इंदौर का विलय एसबीआई में कर लिया गया।
- एसबीआई बोर्ड पहले ही विलय योजना को मंजूरी दे चुका है।
- इसके तहत स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एंड जयपुर के शेयरधारकों को प्रति 10 शेयर के बदले एसबीआई के 28 शेयर दिए जाएंगे।
- इसी प्रकार स्टेट बैंक ऑफ मैसूर और स्टेट बैंक ऑफ त्रवानकोर के शेयरधारकों को प्रति 10 शेयर के बादले एसबीआई के 22 शेयर दिए जाएंगे।
- एसबीआई ने स्टेट बैंक ऑफ पटियाला और स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद के विलय के लिए अलग योजना बनाई है।
- इनके लिए कोई भी शेयर स्वैप या नकदी राशि नहीं दी जाएगी, क्योंकि यह एसबीआई के पूर्ण स्वामित्व में हैं।