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World’s Most Polluted City: दिल्ली में प्रदूषण कम करने के लिए केंद्र की पहल, रोज 10 लाख लीटर बायोडीजल देने का प्रस्‍ताव

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि दिल्‍ली में बढ़ते प्रदूषण से निपटने के लिए केंद्र, दिल्ली सरकार को हर दिन 10 लाख लीटर बायोडीजल देने को तैयार है।

Abhishek Shrivastava
Updated on: December 25, 2015 18:08 IST
World’s Most Polluted City: दिल्ली में प्रदूषण कम करने के लिए केंद्र की पहल, रोज 10 लाख लीटर बायोडीजल देने का प्रस्‍ताव- India TV Paisa
World’s Most Polluted City: दिल्ली में प्रदूषण कम करने के लिए केंद्र की पहल, रोज 10 लाख लीटर बायोडीजल देने का प्रस्‍ताव

नई दिल्‍ली। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने शुक्रवार को कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में बढ़ते प्रदूषण से निपटने के लिए केंद्र, दिल्ली सरकार को हर दिन 10 लाख लीटर बायोडीजल देने को तैयार है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार प्रौद्योगिकी देने को तैयार है, ताकि नगरपालिका और अन्य कचड़ों से  जैवसीएनजी पैदा की जा सके। उन्होंने कहा कि इससे दिल्ली में 1,000 बसें चलाई जा सकती हैं। उन्होंने मेक इन इंडिया पहल के तहत चीन के निवेशकों से यहां की कंपनियों के साथ ऑटो रिक्शा जैसे विद्युत से चलने वाले वाहनों के विनिर्माण करने के मकसद से साझा उद्यम बनाने का आह्वान किया।

सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री ने यहां पहले अंतरराष्ट्रीय इलेक्ट्रिकल वाहन एक्सपो का उद्घाटन करते हुए कहा कि प्रदूषण एक गंभीर समस्या है और सरकार इसको कम करने के लिए प्रतिबद्ध है। दिल्ली की समस्या के लिए डीजल और पेट्रोलियम प्रदूषण प्रमुख समस्या है। मैं दिल्ली सरकार को प्रतिदिन 10 लाख लीटर बायो डीजल की आपूर्ति सुनिश्चित कर सकता हूं। अगर वह सहमत होती है, इसका इस्तेमाल वह जेनरेटर सेट में भी कर सकती है। उन्होंने कहा कि इस आपूर्ति को डीजल से सस्ती दर पर किया जा सकता है और महाराष्ट्र के कुछ क्षेत्रों में तकरीबन 30,000 लीटर बायो डीजल पहले ही आपूर्ति किया जा रहा है। उन्‍होंने यह भी कहा कि दिल्ली की आजादपुर मंडी में भारी मात्रा में सब्जियां और फल सड़ जाते हैं, जिन्हें नगरपालिका के कचड़ों इत्यादि के साथ जैव ईंधन में तब्दील किया जा सकता है।

गडकरी ने कहा कि हम कृषि मंत्रालय के साथ मिल कर कचरे से जैव ईंधन तैयार करने की एक नीति तैयार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह किसानों को काफी मदद करेगा जो गन्ने जैसे उत्पाद के जरिये इथेनॉल जैसे जैव ईंधन बना सकेंगे।  उन्होंने कहा कि यह न केवल देश की अर्थव्यवस्था को लाभ पहुंचाएगा बल्कि प्रतिवर्ष आठ लाख करोड़ कच्चे तेल आयात में कमी आएगी। मंत्री ने ईवी एक्सपो के दौरान उपस्थित चीनी निवेशकों से अपील की कि वे ई-रिक्शा और ई-ठेला जैसे इलेक्ट्रिक वाहन के विनिर्माण के लिए भारतीय कंपनियों के साथ साझा उद्यम बना सकते हैं। गडकरी ने कहा कि वाहनों के लिए लिथियम ऑयन बैटरी को इसरो के वैज्ञानिकों द्वारा तैयार किया गया है, जिसकी लागत आयातित 55 लाख रुपए वाली बैटरी की तुलना में मात्र छह लाख रुपए ही है। उन्होंने कहा कि इसका पेटेंट कराया जा रहा है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री से अनुरोध किया गया है कि इस प्रौद्योगिकी को लघु इकाइयों का दिया जाए। इससे न केवल मेक इन इंडिया अभियान को बढ़ावा मिलेगा बल्कि निर्यात में भी वृद्धि होगी।

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