नई दिल्ली। वित्त राज्यमंत्री शिव प्रताप शुक्ल ने आज कहा कि पिछले वित्त वर्ष में ऐसे 2.09 लाख लोगों ने आयकर विभाग को अपनी आय कर का ब्योरा दिया जो पहले रिटर्न नहीं दाखिल करते थे। ऐसे लोगों से 6,416 करोड़ रुपए का कर प्राप्त हुआ। राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में उन्होंने कहा कि आई-टी विभाग ने उन 3.04 लाख लोगों को नोटिस जारी किए हैं जिन्होंने नोटबंदी के बाद 10 लाख रुपए से अधिक की नकदी जमा कराई थी, लेकिन उन्होंने देय तिथि तक आय का रिटर्न दाखिल नहीं किया था।
शिव प्रताप शुक्ल ने कहा, ‘‘परिणामस्वरूप 2.09 लाख ऐसे आयकर नहीं दाखिल करने वालों (गैर-फाइलर्स) द्वारा रिटर्न दाखिल किया गया जिन्होंने 6,416 करोड़ रुपए का आत्म मूल्यांकन आधार पर अपना कर चुकाया।" उन्होंने कहा कि पिछले वित्त वर्ष में लगातार ‘नान इंट्रयूसिव’ अभियान से प्रत्यक्ष कर संग्रह 18 फीसदी बढकर 10.03 लाख करोड़ रुपए हो गया साथ ही, व्यक्तिगत अग्रिम कर और व्यक्तिगत स्व-मूल्यांकन कर का संग्रह क्रमश: 23.4 प्रतिशत और 29.9 प्रतिशत बढ़ा।
इसके अलावा, प्रवर्तन निदेशालय ने नोटबंदी से संबंधित अनियमितताओं के संबंध में मौद्रिकशोधन रोधक अधिनियम, 2002 के प्रावधानों के तहत 37 मामले दर्ज किए हैं। शुक्ल ने कहा, "इन मामलों में जांच के परिणामस्वरूप 144.71 करोड़ रुपए की संपत्तियों की कुर्की की गई और 7.538 किलोग्राम सोना जब्त किया गया। इसके अलावा, नोटबंदी से संबंधित वित्तीय अनियमितताओं के संदर्भ में पीएमएलए 2022 प्रावधानों के तहत 18 लोगों को गिरफ्तार किया गया।