नई दिल्ली। सरकार ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) व्यवस्था में केंद्रीय भूमिका निभाने वाली जीएसटी परिषद को अधिसूचित कर दिया है। परिषद जीएसटी की दर, जीएसटी से छूट प्राप्त वस्तुओं और इसके दायरे में रखी जाने वाली इकाइयों के कारोबार की न्यूनतम सीमा आदि के बारे में फैसला करेगी।
सरकारी अधिसूचना में कहा गया है, संविधान की धारा 279ए के अंतर्गत प्रदत्त अधिकारों का प्रयोग करते हुए राष्ट्रपति द्वारा वस्तु एवं सेवा कर परिषद का गठन करते हैं। केंद्रीय वित्त मंत्री की अध्यक्षता वाली इस महत्वपूर्ण परिषद में केंद्रीय वित्त मंत्रालय में वित्त एवं राजस्व मामलों के प्रभारी वित्त राज्य मंत्री तथा राज्यों के कराधान एवं वित्त मामलों के प्रभारी मंत्री अथवा उनके द्वारा नामित कोई अन्य मंत्री सदस्य के रूप में शामिल होंगे। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस सप्ताह जीएसटी परिषद के गठन को मंजूरी दी थी। यह परिषद जीएसटी से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर फैसले लेगी।
परिषद विभिन्न अहम मुद्दों पर 22 नवंबर तक निर्णय लेगी। जीएसटी परिषद की पहली बैठक 22-23 सितंबर को होगी। सरकार अगले साल अप्रैल से जीएसटी लागू करने की तैयारी में है। इस सिलसिले में वह जीएसटी क्रियान्वयन से जुड़े अन्य विधेयक केंद्रीय जीएसटी (सीजीएसटी) और एकीकृत जीएसटी (आईजीएसटी) को संसद के शीतकालीन सत्र में पारित कराने की योजना बना रही है। इन विधेयकों में टैक्स की दर, जीएसटी से छूट प्राप्त वस्तुओं की सूची और जीएसटी की दायरे से बाहर रखी जानी वाली कारोबार सीमा का उल्लेख होगा।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सभी अधिकारियों से कहा है कि जीएसटी को अप्रैल 2017 से लागू करने के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए कदम उठाए जाएं। सरकार आजादी के बाद के इस सबसे बड़े कर सुधार को एक अप्रैल 2017 से लागू करने की तैयारी में है।