नई दिल्ली। चीनी मिलें मई के महीने में खुले बाजार में 21 लाख टन चीनी बेच सकती हैं। अप्रैल महीने में मिलों को खुले बाजार में 18 लाख टन चीनी बेचने की मंजूरी मिली थी। खाद्य मंत्रालय के एक आदेश में यह जानकारी दी गई है।
आदेश में कहा गया है कि इस कोटा सीमा में मिलों को 75 प्रतिशत से अधिक के निर्यात लक्ष्य को पाने के लिए प्रोत्साहन के तौर पर दी गई अतिरिक्त मात्रा तथा चीनी के बजाये बी-हेवी मोलासेज से इथेनॉल बनाने के लिए दी गई अतिरिक्त मात्रा भी शमिल है।
खाद्य मंत्रालय के आदेश के अनुसार, 534 मिलों को इस महीने 21 लाख टन चीनी बेचने की मंजूरी दी गई है। इस आदेश का किसी भी तरह से उल्लंघन किए जाने पर आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 के तहत दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। उल्लेखनीय है कि अधिक घरेलू उत्पादन के कारण चीनी की थोक कीमत उत्पादन लागत से नीचे बनी हुई है।
सरकार ने 2018-19 (अक्टूबर-सितंबर) के लिए चीनी उत्पादन के अनुमान को बढ़ाकर रिकॉर्ड 3.25 करोड़ टन कर दिया है, जिसके पहले मार्च में 3.15 करोड़ टन रहने का अनुमान जताया गया था। पिछले वर्ष में देश में 3.15 करोड़ टन चीनी का उत्पादन हुआ था। देश में हर साल 2.5 से 2.6 करोड़ टन चीनी की खपत होती है। इस लिहाज से उत्पादन खपत से अधिक है।