नई दिल्ली। आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने मौजूदा 2015-16 सत्र में चीनी मिलों के लिए उत्पादन सब्सिडी की गणना के नए फार्मूले को मंजूरी दे दी। समिति ने कम चीनी उत्पादन व निर्यात को ध्यान में रखते हुए इस फार्मूले को मंजूरी दी है। खाद्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। अधिकारी ने कहा, सीसीईए ने कम गन्ना पिराई, चीनी उत्पाद व निर्यात को ध्यान में रखते हुए 2015-16 सत्र में चीनी मिलों को उत्पादन सब्सिडी तय करने के लिए संशोधित फार्मूले को मंजूरी दी।
आधिकारिक बयान के अनुसार सीसईए ने उत्पादन सब्सिडी की गणना के लिए निर्यात कोटे व एथनॉल आपूर्ति लक्ष्य में संशोधन को मंजूरी दी है। सरकार ने मिलों को नकदी संकट से राहत दिलाने और किसानों के बकाए का समय से भुगतान में मदद के लिए पिछले वर्ष गन्ने पर 4.50 रुपए प्रति क्विंटल की सब्सिडी की घोषणा की थी पर इसके साथ शर्त थी कि मिलें 40 लाख टन निर्यात का कोटा पूरा करेंगी और एथनॉल मिश्रण के लक्ष्यों को भी पूरा करेंगी।
यह सब्सिडी योजना बंद कर दी गयी है और सरकार ने मिलों को भुगतान नहीं किया है। खाद्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सीसीईए ने आज चीनी मिलों के लिए उत्पादन सब्सिडी का संशोधित फार्मूला मंजूर कर दिया है। यह निर्णय महाराष्ट्र और कर्नाटक में सूखे के कारण गन्ने की पेराई, चीनी उत्पादन और निर्यात पर प्रभाव के मद्देनजर किया गया है। संशोधित फार्मूले के तहत मिलों को दी जाने वाली सब्सिडी पहले के अनुमानित 1,147.5 करोड़ रुपए की तुलना में 600 करोड़ रुपए के लगभग रहेगी।