नई दिल्ली। देश में चालू 2016-17 के खरीफ मौसम में अनाज उत्पादन नौ फीसदी बढ़कर 13.503 करोड़ टन के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंचने की उम्मीद है। बेहतर मानसून के चलते इस बार धान और दलहनों के उत्पादन में जोरदार वृद्धि होने का अनुमान है। पिछले साल खरीफ उत्पादन 12.401 करोड़ टन था। पिछले दो वर्ष लगातार सूखे की स्थिति के बीच देश का कुल वार्षिक खाद्यान्न उत्पादन पिछले साल घटकर करीब 25.02 करोड़ टन रहा था।
कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने आज चालू फसल वर्ष 2016-17 के लिए खाद्यान्न उत्पादन का पहला अग्रिम अनुमान जारी किया।
- धान उत्पादन 9.38 करोड़ टन होने का अनुमान है, जो उत्पादन पिछले खरीफ सत्र में 9.13 करोड़ टन था।
- दलहन का उत्पादन 87 लाख टन होने का अनुमान, जो विगत खरीफ सत्र में हुए 55.4 लाख टन के उत्पादन से 57 फीसदी अधिक है।
- मोटे अनाज का उत्पादन 3.24 करोड़ टन होने का अनुमान है, जो पिछले खरीफ सत्र में 2.71 करोड़ टन था।
- तुअर और उड़द दोनों दलहनों का उत्पादन क्रमश: 42.9 लाख टन और 20.1 लाख टन होने का अनुमान व्यक्त किया गया है।
- तिलहन का उत्पादन रिकॉर्ड 2.33 करोड़ टन होने का अनुमान, पिछले खरीफ सत्र में 1.65 करोड़ टन हुआ था उत्पादन।
- सोयाबीन का उत्पादन 1.42 करोड़ टन होने का अनुमान है, जो उत्पादन पिछले खरीफ सत्र में 85.9 लाख टन था।
- मूंगफली का उत्पादन बढ़कर 64.9 लाख टन होने की उम्मीद, जो उत्पादन पहले 53.4 लाख टन का हुआ था।
- कपास का उत्पादन 3.21 करोड़ गांठ होने का अनुमान, पिछले साल 3.10 करोड़ गांठ का हुआ था उत्पादन।
- गन्ने का उत्पादन पिछले वर्ष के 35.21 करोड़ टन के मुकाबले वर्ष 2016-17 में घटकर 30.52 करोड़ टन रहने की उम्मीद।
- जूट का उत्पादन भी पहले के 1.4 करोड़ गांठ के मुकाबले घटकर 1.04 करोड़ गांठ रह जाने का अनुमान व्यक्त किया गया है।
एक सरकारी बयान में कहा गया है,
अनुकूल मानसून की बरसात के परिणामस्वरूप अधिकांश खरीफ फसलों का रकबा बढा है और उपज में वृद्धि की उम्मीद है। परिणामस्परूप चालू खरीफ सत्र के दौरान अधिकांश फसलों का अनुमानित उत्पादन, वर्ष 2015-16 के लिए चौथे अग्रिम अनुमान की तुलना में कहीं अधिक रहने की उम्मीद है।
बेहतर बरसात के कारण मृदा में नमी की स्थिति में सुधार आया है और जलाशयों में जल के स्तर को बढ़ा है, जो अगले महीने से रबी फसल की बुवाई को प्रोत्साहित करेगा।