नई दिल्ली। विदेशी कंपनियों को मल्टी-ब्रांड रिटेल स्टोर खोलने के लिए सरकार FDI ( प्रत्यक्ष विदेशी निवेश) नियमों में ढील देने के लिए एक विकल्प पर विचार कर रही है।
सूत्रों ने बताया कि सरकार का विचार है कि विदेशी खुदरा कंपनियों को केवल भारत में निर्मित उत्पाद बेचने की शर्त के साथ देश में अपने बहुब्रांड स्टोर खोलने की अनुमति दी जा सकती है।
- यद्यपि मौजूदा एफडीआई नियमों के तहत किसी विदेशी कंपनी को भारतीय मल्टी-ब्रांड रिटेल कंपनी में 51 प्रतिशत हिस्सेदारी रखने की अनुमति है।
- हालांकि, भाजपा ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में मल्टी-ब्रांड रिटेल सेक्टर में एफडीआई का विरोध किया था।
- पिछली संप्रग सरकार ने मल्टी-ब्रांड रिटेल क्षेत्र में टेस्को के प्रस्ताव को मंजूर किया था।
- इस सेक्टर में आने वाली फिलहाल यह एकमात्र विदेशी कंपनी है।
- रिटेल क्षेत्र की एफडीआई नीति में कई शर्तें भी जुड़ी हुई हैं।
- सेक्टर में आने वाली कंपनियों को कुछ प्रतिशत सामान अनिवार्य रूप से सूक्ष्म, लघु एवं मझौली इकाईयों से लेना होगा।
- इन शर्तों की वजह से विदेशी रिटेल विक्रेता खुलकर आगे नहीं आ पा रहे हैं।
- बहरहाल, सरकार शर्तों में कुछ बदलाव कर उनकी परेशानी को कम करना चाहती है।
- सूत्रों का कहना है कि उन्हें मेड इन इंडिया सामान बेचने की अनुमति दी जा सकती है, जिसके बाद इन अनिवार्य नियमों को उनपर नहीं थोपा जाएगा।