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सरकार ने हस्तशिल्पियों का पारिश्रामिक 36 प्रतिशत बढ़ाने के प्रस्ताव को दी मंजूरी, अब रोज मिलेंगे कम से कम 202 रुपए

लघु, सूक्ष्म एवं मध्यम उपक्रम (एमएसएमई) मंत्रालय ने खादी सूत की कताई करने वालों का पारिश्रमिक 5.50 रुपए प्रति लच्छा से 36 प्रतिशत बढ़ाकर 7.50 रुपए प्रति लच्छा करने के खादी ग्रामोद्योग आयोग के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।

Edited by: India TV Paisa Desk
Published on: September 04, 2018 19:04 IST
wages hike- India TV Paisa
Photo:WAGES HIKE

wages hike

नई दिल्ली। लघु, सूक्ष्म एवं मध्यम उपक्रम (एमएसएमई) मंत्रालय ने खादी सूत की कताई करने वालों का पारिश्रमिक 5.50 रुपए प्रति लच्छा से 36 प्रतिशत बढ़ाकर 7.50 रुपए प्रति लच्छा करने के खादी ग्रामोद्योग आयोग के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। 

आयोग ने एक बयान में मंगलवार को कहा कि कताई करने वालों का पारिश्रामिक बढ़ाने तथा संशोधित बाजार विकास मदद (एमएमडीए) योजना के तहत भुगतान से संबंधित उसके प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है। ये 15 अगस्त 2018 से प्रभावी हो चुकी है।  आयोग के चेयरमैन वीके सक्सेना ने कहा कि पारिश्रामिक में विस्तार युवाओं को सूत की कताई को पेशा बनाने के लिए प्रोत्साहित करेगा। 

एमएमडीए कार्यक्रम के तहत खादी संस्थानों को आधारभूत लागत के 30 प्रतिशत के बराबर उत्पादन सब्सिडी दी जाती है। इस भुगतान का 40 प्रतिशत बुनकरों को पारिश्रामिक प्रोत्साहन के तौर पर सीधे उनके बैंक खाते में दिया जाता है। शेष 60 प्रतिशत खादी संस्थानों को मिलता है। 

आयोग ने कहा कि संशोधित पारिश्रमिक के आधार पर औसतन प्रतिदिन 20 लच्छा धागा कातने वालों को अब रोजाना 202 रुपए की कमाई होगी। कताई का काम करने वाले ज्यादातर लोग रोजाना 20 लच्छे से अधिक कताई करते हैं।

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