![Govt can save Rs 9,000 cr if wheat rates under OMSS are reduced by Rs 500/qtl, says Flour millers](https://static.indiatv.in/khabar-global/images/paisa-new-lazy-big-min.jpg)
Govt can save Rs 9,000 cr if wheat rates under OMSS are reduced by Rs 500/qtl, says Flour millers
नई दिल्ली। आटा मिल मालिकों ने केंद्र सरकार से खुली बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत थोक ग्राहकों को दिए जाने वाले गेहूं के दाम में 500 रुपए प्रति क्विंटल घटाने का आग्रह किया है। उनका तर्क हैकि इस कदम से सरकार 60 लाख टन का अधिशेष गेहूं बेच कर रख-रखाव खर्च में 9,000 करोड़ रुपए की बचत कर सकती है।
भारतीय रोलर आटा मिलर्स महासंघ (आरएफएमएफ) ने वादा किया है कि वे कीमत का लाभ उपभोक्ताओं तक पहुंचाएंगे। उन्होंने गेहूं के पोषक तत्वों से समृद्ध किए गए आटे के लिए वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में छूट दिए जाने की भी मांग की है। भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के पास काफी स्टॉक जमा है और वह ओएमएसएस के तहत आटा मिलों जैसे थोक ग्राहकों को 2,135 रुपए प्रति क्विंटल के आरक्षित मूल्य पर गेहूं उपलब्ध करा रहा है।
आरएफएमएफ के अध्यक्ष संजय पुरी ने एक डिजिटल संवाददाता सम्मेलन में कहा कि ओएमएसएस के तहत दी जाने वाली गेहूं की कीमतें, खुले बाजार की कीमतों और यहां तक कि आयातित गेहूं की दरों की तुलना में बहुत अधिक हैं। यदि ओएमएसएस दर 500 रुपए प्रति क्विंटल घटाकर 1,635 रुपए कर दिया जाता है, तो आटा मिलें, लगभग 60 लाख टन गेहूं का एफसीआई से उठान कर सकती हैं।