नई दिल्ली। सरकार ने सभी मंत्रालयों और विभागों से चालू वित्त वर्ष में घरेलू और विदेश यात्रा, ओवरटाइम भत्ता, किराया और कार्यालय खर्च आदि में 20 प्रतिशत का लक्ष्य तय करने को कहा है। महामारी की दूसरी लहर के बीच सरकार खर्चो में कटौती का प्रयास कर रही है। वित्त मंत्रालय के तहत व्यय विभाग ने इस बारे में 10 जून को कार्यालय ज्ञापन जारी किया है। इसमें कहा गया है, ‘‘सभी मंत्रालयों/विभागों से आग्रह किया जाता है कि सभी टाले जाने लायक गैर योजना व्यय में कटौती के कदम उठाए जाएं। साथ ही ऐसे खर्चो में 20 प्र्रतिशत की कटौती लाई जाए, जिन्हें नियंत्रित किया जा सकता है। इसके लिए 2019-20 के व्यय के स्तर को पैमाने के रूप में लिया जा सकता है।’’ हालांकि, इसमें महामारी नियंत्रण से संबंधित खर्च शामिल नहीं है।
ज्ञापन में कहा गया है कि मंत्रालयों को ओवरटाइम भत्ता, घरेलू और विदेश यात्रा, कार्यालय खर्च, किराया, दर और कर, रॉयल्टी जैसे खर्चो में कटौती का लक्ष्य करना चाहिए। इसके साथ ही प्रकाशन से संबंधित खर्च, अन्य प्रशासनिक खर्च, आपूर्ति और सामग्री, राशन की लागत, कपड़े, विज्ञापन और प्रचार खर्च को कम करने का प्रयास करना चाहिए। यह लगातार दूसरा साल है जबकि सरकार ने व्यय को खर्चों को सुसंगत करने का प्रयास किया है।
कोविड संकट की वजह से सरकार की आमदनी पर असर पड़ा है, हालांकि इसी वक्त कोरोना से मुकाबले के लिये खर्च का बोझ काफी बढ़ गया है। इसके साथ ही सरकार को अर्थव्यवस्था में तेजी के लिए और राहत कदम उठाने पड़ सकते हैं, इसलिए सरकार कर्ज का हिस्सा बढ़ाने और खर्च कम करने पर ध्यान केंद्रित कर रही है।
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