नई दिल्ली। मेक इन इंडिया को प्रोत्साहन के लिए सरकार ने सभी मंत्रालयों और विभागों से उनके द्वारा खरीदे जाने वाले सामान में घरेलू सामग्री (कंटेंट) नियमों को अधिसूचित करने को कहा है। इसके अलावा मंत्रालयों को सलाह दी गई है कि वे इलेक्ट्रानिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा क्रियान्वित किए जा रहे चरणबद्ध विनिर्माण कार्यक्रम का अध्ययन करे। इस कार्यक्रम का मकसद उत्तरोत्तर देश में बने माल का प्रयोग बढ़ाना है।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि इस कदम का मुख्य उद्देश्य यह है कि मंत्रालय, विभाग और सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों तथा रक्षा बल घरेलू उत्पादों को प्राथमिकता दें। इस पहल से मेक इन इंडिया अभियान को प्रोत्साहन मिलेगा और देश में वस्तुओं और सेवाओं के विनिर्माण और उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा।
औद्योगिक नीति एवं संवर्द्धन विभाग (DIPP) सहित कई विभागों ने चमड़ा आदि क्षेत्रों के उत्पादों को अधिसूचित करना शुरू कर दिया है। रक्षा विभाग ने 90 ऐसे उत्पादों की पहचान की है कि वह इन उत्पादों में घरेलू सामग्री को जल्द अधिसूचित करेगा।
सरकार ने 15 जून 2017 को सार्वजनिक खरीद (मेक इन इंडिया को प्राथमिकता) आदेश, 2017 को जारी किया था। इसका मकसद देश में वस्तुओं और सेवाओं के विनिर्माण को प्रोत्साहन देना है, जिससे आमदनी और रोजगार बढ़ाया जा सके।