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सरकार ने कैट से कहा, कारोबार सुगमता में अड़चन डालने वाले मुद्दों की सूची बनाओ

वाणिज्य मंत्रालय ने कैट से कराधान और बैंकिंग सहित उन मुद्दों की सूची बनाने को कहा है कि जिनकी वजह से कारोबार सुगमता में अड़चन आ रही है।

Abhishek Shrivastava
Updated on: June 21, 2016 17:23 IST
कारोबार और सुगम बनाएगी सरकार, कैट को दी अड़चन डालने वाले मुद्दों की सूची बनाने की जिम्‍मेदारी- India TV Paisa
कारोबार और सुगम बनाएगी सरकार, कैट को दी अड़चन डालने वाले मुद्दों की सूची बनाने की जिम्‍मेदारी

नई दिल्ली। वाणिज्य मंत्रालय ने व्यापारियों के प्रमुख संगठन कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) से कराधान और बैंकिंग सहित उन मुद्दों की सूची बनाने को कहा है कि, जिनकी वजह से कारोबार सुगमता में अड़चन आ रही है। कैट के सदस्यों को संबोधित करते हुए औद्योगिक नीति एवं संवर्द्धन विभाग (डीआईपीपी) के सचिव रमेश अभिषेक ने कहा कि दो सप्ताह के अंदर वे यह सूची बनाएं और विभाग को सौंपे। उन्होंने कहा कि इन सभी मुद्दों को संबंधित विभागों तथा राज्य सरकारों के पास लेकर जाएंगे। उन्होंने कहा कि सरकार देश में कारोबार की स्थिति सुगम करने के लिए पहले ही कई उपाय कर रही है।

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ई-कॉमर्स क्षेत्र के बारे में उन्होंने कहा कि डीआईपीपी ने इससे संबंधित दिशानिर्देश जारी किए हैं और यदि कोई मुद्दा है तो व्यापारियों को प्रवर्तन निदेशालय से संपर्क करना चाहिए, क्योंकि डीआईपीपी सिर्फ नीति बनाता है। एकल ब्रांड खुदरा क्षेत्र में एफडीआई नियमों में छूट के बारे में पूछे जाने पर अभिषेक ने कहा कि ये नियम सभी कंपनियों के लिए हैं। विदेशी कंपनियां, जो इस छूट का लाभ लेना चाहती हैं उन्हें प्रक्रियाओं के जरिए इसके लिए आगे आना होगा। इस मौके पर नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ कान्त ने कहा कि भारत में ई-कॉमर्स क्षेत्र तेजी से बढ़ रहा है। फिलहाल यह 20 अरब डॉलर का है लेकिन 2023-24 तक 350 अरब डॉलर पर पहुंच जाएगा।

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कान्त ने कहा कि व्यापारिक समुदाय को नई प्रौद्योगिकी अपनाकर आगे बढ़ना चाहिए। ई-कॉमर्स का फायदा उठाएं और फ्लिपकार्ट और स्नैपडील को पछाड़ें। जब आप प्रतिस्पर्धा देंगे तभी आप आगे बढ़ेंगे। उन्होंने आगे कहा कि गरीबी उन्मूलन के लिए भारत को 10 फीसदी की वृद्धि दर हासिल करने की जरूरत है। कैट ने पिछले साल ई-कॉमर्स कंपनियों से मुकाबला करने के लिए अपने सदस्यों के लिए ई-लाला पोर्टल शुरू किया था। मास्टरकार्ड ने इस पोर्टल में डिजिटल भुगतान समाधान उपलब्ध कराने को भागीदारी की थी।

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