नई दिल्ली। सरकार ने आभूषण निर्माताओं से मार्च-मई के बकाए एक्साइज ड्यूटी का भुगतान जून में एक साथ करने को कहा है। वहीं एक जुलाई तक केंद्रीय उत्पाद शुल्क विभाग के पास रजिस्ट्रेशन कराने का भी निर्देश दिया है। वित्त मंत्री अरूण जेटली ने 29 फरवरी को पेश बजट में चांदी के साधारण आभूषणों को छोड़ अन्य सभी आभूषणों पर एक प्रतिशत एक्साइज ड्यूटी लगाने की घोषणा की जिसका आभूषण निर्माताओं ने व्यापक रूप से कड़ा विरोध किया। हालांकि, सरकार के इस आश्वासन के बाद कि कर अधिकारियों की तरफ से उन्हें परेशान नहीं किया जाएगा विरोध प्रदर्शन को 13 अप्रैल को अस्थाई रूप से वापस ले लिया गया।
वित्त मंत्रालय ने कहा, कर देने वाले आभूषण विनिर्माता मार्च, अप्रैल और मई 2016 के एक्साइज ड्यूटी का भुगतान जून 2016 के उत्पाद शुल्क के साथ एक साथ कर सकते हैं। केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीईसी) ने ज्वैलर्स के लिए केंद्रीय उत्पाद शुल्क रजिस्ट्रेशन के लिए समय सीमा बढ़ाकर एक जुलाई 2016 कर दी है। सीबीईसी ने कहा कि आभूषण निर्माताओं को एक मार्च 2016 से उत्पाद शुल्क का भुगतान करना है।
इस बीच, सरकार ने पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार अशोक लाहिड़ी की अध्यक्षता में एक समिति गठित की है जो आभूषण निर्माताओं की मांग पर गौर करेगी। साथ ही उत्पाद शुल्क के भुगतान के लिये अनुपालन एवं परिचालन प्रक्रियाओं के संदर्भ में उनकी शिकायतों पर भी गौर करेगी। समिति के अन्य सदस्यों में कानूनी विशेषग्य रोहन शाह, वाणिज्य मंत्रायल में संयुक्त सचिव मनोज कुमार द्विवेदी, सीबीईसी के कर शोध इकाई में संयुक्त सचिव आलोक शुक्ला और गौतम रे शामिल हैं। आभूषण व्यापार से जुड़े प्रतिनिधियों को भी जल्द ही समिति में नियुक्त किया जायेगा।