नई दिल्ली। सरकार ने बुधवार को पारादीप बंदरगाह को वैश्विक स्तर का बंदरगाह बनाने के लिये 3,000 करोड़ रुपये की परियोजना को मंजूरी दे दी। बंदरगाह, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल की बुधवार को हुई बैठक में पश्चिमी घाट बनाने का निर्णय किया गया। मंत्रिमंडल की बैठक के बाद उन्होंने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘मंत्रिमंडल ने पारादीप बंदरगाह पर 3,000 करोड़ रुपये की लागत से पश्चिमी घाट बनाने को मंजूरी दे दी। इससे यह बंदरगाह एक वैश्विक स्तर और आधुनिक बंदरगाह में तब्दील होगा।’’ उन्होंने कहा कि भविष्य को देखते हुए यह निर्णय किया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूर्वी राज्यों के विकास पर जोर देते रहे हैं और यह कदम उसी का हिस्सा है।
पारादीप बंदरगाह उन 12 बंदरगाहों में शामिल है, जिसका नियंत्रण केंद्र के पास है। मांडविया के अनुसार बंदरगाह करीब 11.5 करोड़ टन माल का रखरखाव करता है। यह 2030 तक बढ़कर 40 करोड़ टन हो जाएगा। पश्चिम घाट या गोदी बनाने का निर्णय बड़े जहाजों को आकर्षित करने के लिये किया गया है। बंदरगाह, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने ‘पारादीप बंदरगाह में बड़े आकार के जहाजों के आवागमन के लिए सार्वजानिक – निजी साझेदारी (पीपीपी मोड) के तहत निर्माण, संचालन और हस्तांतरण (बीओटी) के आधार पर पश्चिमी गोदी के विकास समेत आंतरिक बंदरगाह से जुड़ी सुविधाओं को मजबूत और उन्नत बनाने’ की परियोजना को मंजूरी दी है। इस परियोजना की अनुमानित लागत 3,004.63 करोड़ रुपये है। इसमें रियायत पाने वाली चयनित कंपनियों द्वारा क्रमशः 2,040 करोड़ रुपये और 352.13 करोड़ रुपये की लागत से बीओटी आधार पर नई पश्चिमी गोदी का विकास शामिल है। पारादीप पोर्ट ट्रस्ट बड़े आकार के जहाजों के आवागमन को सुगम बनाने के लिए सहायक सुविधाओं समेत परियोजना का सामान्य सहायक बुनियादी ढांचा प्रदान करने का कार्य करेगा।