नई दिल्ली। पिछले 11 महीने से लगातार गिरते एक्सपोर्ट को रोकने के लिए आखिरकार सरकार ने निर्यातकों की पुरानी मांग को पूरा कर दिया है। केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को निर्यातकों के लिए इंटरेस्ट सबवेंशन स्कीम को अपनी मंजूरी दे दी है। निर्यातक अब बैंक से तीन फीसदी कम दरों पर कर्ज ले सकेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (सीसीईए) की बैठक में यह फैसला किया गया। एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि सीसीईए ने ब्याज समानीकरण (पूर्व में ब्याज सहायता योजना) को मंजूरी दी है। यह सहायता माल के लदान से पहले और लदान के बाद के लिए रुपए में लिए गए निर्यात ऋण पर मिलेगी। यह योजना 1 अप्रैल, 2015 से पांच साल के लिए होगी।
कोयला व बिजली मंत्री पीयूष गोयल ने बुधवार को कैबिनेट बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि इस योजना से हैंडीक्राफ्ट्स, कृषि उत्पाद, फूड प्रोसेसिंग और स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज जैसे सेक्टर्स के निर्याताकों को लाभ पहुंचेगा। ये ऐसे सेक्टर हैं, जिनकी पहुंच विदेशी ऋण तक नहीं है और यह केवल महंगी लागत वाले घरेलू कर्ज पर भी निर्भर हैं। गोयल ने बताया कि निर्यातकों के लिए इंटरेस्ट सबवेंशन स्कीम की घोषणा इस साल के बजट में की गई थी।
सरकार के इस कदम से पिछले 11 महीने से लगातार निर्यात में गिरावट का सामना कर रहे एक्सपोर्टर्स को फायदा होगा। अक्टूबर में निर्यात 17.53 फीसदी गिरकर 21.35 अरब डॉलर रहा है। इससे पहले सितंबर माह में निर्यात में 24.33 फीसदी गिरावट आई थी और उस समय कुल निर्यात 21.84 अरब डॉलर रहा था। पियूष गोयल ने कहा कि विदेशों में मांग की कमजोरी खास कर पेट्रोलियम उत्पाद, लौह अयस्क और इंजीनियरिंग उत्पादों की मांग सुस्त रहने से निर्यात ज्यादा गिरा है।
निर्यातकों में जागी उम्मीद
फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गेनाइजेशन (फियो) के अध्यक्ष आरसी रल्हन ने कहा कि इंटरेस्ट सबवेंशन स्कीम से कठिन वैश्विक आर्थिक परिदृश्य में निर्यात को कुछ मदद मिल सकती है। इंजीनियरिंग निर्यात संवर्धन परिषद (ईईपीसी) ने कहा कि सरकार के इस कदम से निकट भविष्य में सुधार होने की उम्मीद जागी है।