नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को मंजूरी प्रदान कर दी है। आज सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में आयोग की सिफारिशों पर मुहर लगा दी गई। सिफारिशें लागू होने से कुल 1 करोड़ से अधिक केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनधारकों को फायदा होगा। आयोग ने मूल वेतन में करीब 15 फीसदी बढ़ोतरी की सिफारिश की है। आयोग की सिफारिशों में प्रस्तावित भत्तों को भी जोड़ा जाए तो सिफारिशों के अनुसार वेतन में 23.55 फीसदी की बढ़ोतरी होगी।
ये होगा सैलरी का नया स्ट्रक्चर
वेतन आयोग ने कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन 7 हजार रुपए से बढ़ाकर 18000 रुपए करने की सिफारिश की है। देश में सबसे अधिक सैलरी कैबिनेट सेक्रेटरी की होगी। जिनका वेतन 90 हजार से बढ़कर 2.5 लाख हो जाएगा। माना जा रहा है कि सिफारिशों की मंजूरी से सरकार पर 1 लाख करोड़ रुपए का बोझ पड़ेगा। आंकड़ों की मानें तो आयोग सिफारिशों के बाद 39100 करोड़ रुपए सैलरी 29300 करोड़ रुपए अलाउंस और 33700 करोड़ रुपए पेंशन पर खर्च करेगी।
70 साल में सबसे कम है बढ़ोत्तरी
वेतन आयोग की सिफारिशें पिछले साल नवंबर में आ गई थीं। इनमें मूल वेतन में 14.27 फीसदी तक की बढ़ोतरी की सिफारिश की है। यह बढ़ोतरी पिछले 70 साल में आयोगों की सिफारिशों में सबसे कम बताई जा रही है। छठे वेतन आयोग ने 20 फीसदी बढ़ोतरी की सिफारिश की। 2008 में इसे लागू करते समय सरकार ने दोगुनी बढ़ोतरी कर दी थी। आयोग की सिफारिशों सरकार मंजूर कर लेती है तो कर्मचारियों की सैलरी में (प्रस्तावित भत्तों को भी जोड़ा जाए तो) 23.55 फीसदी का इजाफा होगा।