नयी दिल्ली। पेट्रोल की कीमतों में कमी लाने के लिए सरकार लंबे समय से एथेनॉल ब्लेंडिंग की कोशिश कर रही है। इस बीच सरकार ने एथेनॉल का प्रोडक्शन बढ़ाने के लिए बड़ा कदम उठाने का फैसला किया है। सरकार ने शुक्रवार को चीनी मिलों को एथनॉल बनाने के लिए गन्ने का उपयोग को बढ़ावा देने को लेकर प्रोत्साहन की घोषणा की। इसके तहत इस महीने से एथनॉल उत्पादन के लिए गन्ने का हस्तांतरण करने वाली चीनी मिलों को उनके नियमित कोटे के अलावा मासिक घरेलू बिक्री के लिए हस्तांतरित गन्ने की मात्रा के बराबर चीनी कोटा का आबंटन किया जाएगा।
देश में चीनी की मांग-आपूर्ति की स्थिति को बनाए रखने, चीनी की पूर्व-मिल कीमतों को स्थिर करने और घरेलू खपत के लिए पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए सरकार जून 2018 से मिल-वार मासिक चीनी कोटा तय कर रही है। चीनी का कोटा उनके पास मौजूद स्टॉक, निर्यात प्रदर्शन और चीनी के एथनॉल में बदलने के आधार पर तय किया जाता है।
केंद्रीय खाद्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘बी-हेवी मोलेसेज’ /गन्ना के रस/चीनी सिरप/चीनी से एथनॉल के उत्पादन के लिए उपयोग किये गये चीनी पर प्रोत्साहन उनके मासिक रिलीज कोटा में अक्टूबर 2021 से दोगुना कर दिया गया है।’’
यह एथनॉल उत्पादन के लिए अतिरिक्त गन्ना/चीनी का उपयोग करने वाले चीनी मिलों को प्रोत्साहित करने तथा 'पेट्रोल के साथ एथनॉल मिश्रण कार्यक्रम' के अनुरूप पेट्रोल के साथ एथनॉल मिश्रण के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए के लिए किया गया है।