नई दिल्ली। सरकार ने नए मोबाइल कनेक्शन के लिए आधार ई-केवाईसी (e-KYC) की अनुमति दे दी है। यानी अब प्रीपेड या पोस्टपेड मोबाइल कनेक्शन के लिए अनेक तरह के कागजी दस्तावेजों की जरूरत नहीं होगी बल्कि बिक्री केंद्र (पीओएस) पर आधार कार्ड व फिंगरप्रिंट से ही काम चल जाएगा।
सरकार ने इस तरह के आवेदन पर काम व सत्यापन की ऑनलाइन प्रक्रिया को त्वरित व सरल बनाने के लिए ई-केवाईसी नियम जारी किए हैं। नई प्रणाली में सिम एक्टिवेशन के लिए सत्यापन के समय में कमी आएगी। ई केवाईसी में ग्राहक अपनी आधार संख्या व बायोमेट्रिक्स के जरिए यूआईडीएआई को अपना ब्यौरा मोबाइल कंपनी को उपलब्ध कराने का अधिकार देता है। सीओएआई के महानिदेशक राजन मैथ्यू का मानना है कि यह कदम सभी भागीदारों के लिए मददगार होगा।
दूरसंचार सेवाप्रदाता वोडाफोन इंडिया ने आधार कार्ड का प्रयोग कर ग्राहक की पहचान के इलेक्ट्रॉनिक सत्यापन की छूट का स्वागत किया है। कंपनी ने कहा कि उसने दूरसंचार विभाग के साथ मिल कर इस प्रणाली का पायलट परीक्षण किया था। इस ई-केवाईसी प्रणाली का दो सर्कलों में प्रयोग सफल रहा। कंपनी ने कहा कि जल्द ही उसके स्टोरों पर ग्राहक अपने आधार कार्ड और उंगलियों के निशान का प्रयोग कर प्रीपेड और पोस्टपेड कनेक्शन मिनटों में प्राप्त कर सकेंगे, क्योंकि ग्राहक की पहचान आधार से सुनिश्चित की जाएगी।
लाइसेंस नियमों का उल्लंघन करने वाली कंपनियों पर कार्रवाई करे ट्राई: रिलायंस जियो
रिलायंस जियो ने दूरसंचार नियामक ट्राई से कहा है कि वह उन दूरसंचार कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई करे जो उसे इंटर-कनेक्शन के लिए मना करके लाइसेंस समझौते का उल्लंघन कर रही हैं। इनमें एयरटेल जैसी प्रमुख कंपनियां भी शामिल हैं। रिलायंस इंडस्ट्रीज की इकाई रिलायंस जियो इंफोकॉम ने कहा कि उसके शुरूआती परीक्षण के दौरान कॉल जुड़ने में अधिकतर असाधारण विफलता उसकी सुविधाओं, उपकरणों और नेटवर्क के बीच इंटर-कनेक्शन प्वाइंट (पीओआई) नहीं उपलब्ध कराने की वजह से हुई और इसके पीछे अहम वजह सहारा देने वाले नेटवर्क प्रदाताओं की गैर मौजूदगी होना है।