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सरकार ने E-commerce के मार्केटप्‍लेस मॉडल में 100% FDI को दी मंजूरी

सरकार ने ई-कॉमर्स के मार्केटप्‍लेस मॉडल में ऑटोमैटिक रूट के जरिये 100 फीसदी विदेशी प्रत्‍यक्ष निवेश (एफडीआई) को अपनी मंजूरी दे दी है।

Abhishek Shrivastava
Updated : March 29, 2016 20:25 IST
सरकार ने E-commerce के मार्केटप्‍लेस मॉडल में 100% FDI को दी मंजूरी, ऑनलाइन शॉपिंग को मिलेगा बूस्‍ट
सरकार ने E-commerce के मार्केटप्‍लेस मॉडल में 100% FDI को दी मंजूरी, ऑनलाइन शॉपिंग को मिलेगा बूस्‍ट

नई दिल्‍ली। सरकार ने मंगलवार को ई-कॉमर्स के मार्केटप्‍लेस मॉडल में रिटेल ट्रेडिंग के लिए ऑटोमैटिक रूट के जरिये 100 फीसदी विदेशी प्रत्‍यक्ष निवेश (एफडीआई) को अपनी मंजूरी दे दी है। सरकार ने मार्केटप्‍लेस मॉडल की परिभाषा भी सुनिश्चित की है। सरकार के इस फैसले से अब भारत में ई-कॉमर्स का चेहरा पूरी तरह बदलने वाला है। मिनिस्‍ट्री ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्‍ट्री के डिपार्टमेंट ऑफ इंडस्ट्रियल पॉलिसी एंड प्रमोशन (डीआईपीपी) ने प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि ई-कॉमर्स के मार्केटप्‍लेस मॉडल में ऑटोमैटिक रूट के जरिये 100 फीसदी एफडीआई को अनुमति दी गई है।

सरकार ने इसके साथ ही मार्केटप्‍लेस मॉडल और इनवेंट्री बेस्‍ड मॉडल को परिभाषित किया है। ई-कॉमर्स के मार्केटप्‍लेस मॉडल को परिभाषित करते हुए कहा गया है कि, एक ई-कॉमर्स कंपनी द्वारा इंफोर्मेशन टेक्‍नोलॉजी प्‍लेटफॉर्म पर डिजिटल और इलेक्‍ट्रॉनिक नेटवर्क के जरिये खरीदार और विक्रेता के बीच फैसीलिटेटर के रूप में काम करने वाले को मार्केटप्‍लेस मॉडल माना जाएगा।  ई-कॉमर्स के इनवेंट्री बेस्‍ड मॉडल का मतलब है कि ऐसी ई-कॉमर्स गतिविधियां जहां गुड्स और सर्विसेस की इनवेंट्री पर  ई-कॉमर्स कंपनी का मालिकाना हक हो और वह उपभोक्‍ताओं को सीधे इनकी बिक्री करती हो। वर्तमान में बी2बी (बिजनेस-टू-बिजनेस) मॉडल में ऑटोमैटिक रूट के जरिये 100 फीसदी एफडीआई को मंजूरी है।

सरकार के इस फैसले का फ्लिपकार्ट, स्‍नैपडील और अमेजन इंडिया जैसी ई-कॉमर्स कंपनियों को काफी लंबे समय से इंतजार था।  इस विज्ञप्ति में यह साफ तौर पर स्‍पष्‍ट किया गया है कि एक ई-कॉमर्स कंपनी इनवेंट्री बनाकर प्‍लेटफॉर्म पर बिक्री नहीं करेगी। इसमें यह भी कहा गया है कि एक ई-कॉमर्स कंपनी को अपने मार्केट प्लेस पर किसी एक वेंडर या अपने समूह की कंपनी को कुल बिक्री का 25 फीसदी से अधिक करने की अनुमति नहीं होगी। डीआईपीपी ने कहा कि ई-कॉमर्स मार्केटप्लेस विक्रेता को भंडारगृह, लॉजिस्टिक्स, ऑर्डर को पूरा करने, कॉल सेंटर, भुगतान लेने और अन्य सेवाओं के रूप में सपोर्ट सेवाएं उपलब्ध करा सकते हैं। हालांकि, इस तरह की इकाइयों का इनवेंट्री पर स्वामित्व का अधिकार नहीं होगा। इस तरह के स्वामित्व से कारोबारी मॉडल इनवेंट्री बेस्‍ड मॉडल हो जाएगा। स्‍नैपडील के सीईओ कुनाल बहल ने सरकार के इस कदम का स्‍वागत किया है। उन्‍होंने ट्विट कर कहा है कि ई-कॉमर्स मार्केटप्‍लेस में 100 फीसदी एफडीआई को मंजूरी देना स्‍वागतयोग्‍य कदम है। उन्‍होंने कहा कि सरकार द्वारा इंडस्‍ट्री को सपोर्ट करता देख वह बहुत खुश हैं।

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