नई दिल्ली। कोरोना वायरस महामारी के फैलने के खतरे को देखते हुए सरकार ने कंपनियों को कर्मचारियों के लिए वर्क फ्रॉम होम की नीति लागू करने की सलाह दी है। यह सलाह इसलिए दी जा रही है ताकि लोगों के बीच मेल मिलाप कम हो और इस बीमारी के संक्रमण का जोखिम कम करने में मदद मिले। कंपनी मामलों के सचिव इंजेति श्रीनिवास ने इस आशय का परामर्श जारी करते हुए यह भी कहा है कि उनका मंत्रालय यह भी देख रहा है कि कोरोना वायरस संक्रमण से उत्पन्न वर्तमान स्थिति में कंपनियों को नियम कानून में क्या-क्या छूट दी जा सकती है।
उन्होंने कहा है कि चूंकि विशेषकर शहरी इलाकों में कंपनियों/ सीमित दायित्व भागादारी फर्मों (एलएलपी) में बड़ी संख्या में लोग काम करते हैं ऐसे में लोगों के बीच सामाजिक मेलजोल से दूरी को प्रोत्साहित करने में उनकी पूरी भागीदारी और सहयोग बहुत जरूरी है। कंपनियों को फिलहाल 31 मार्च तक के लिए कर्मचारियों के लिए वर्क फ्रॉम होम की नीति की क्रियान्वयन योजना को तत्काल अपनाने के लिए कहा गया है।
उन्हें अपने मुख्यालयों और क्षेत्र के कर्मचारियों/अधिकारियों के बीच यह नीति यथा संभव अधिक से अधिक संख्या में लागू करने की सलाह दी गई है। बैठकों आदि को वीडियो कांफ्रेंस या अन्य इलेक्ट्रॉनिक/दूरसंचार माध्यमों से करने की सलाह दी गई है।
परामर्श के अनुसार, मंत्रालय ने बोर्ड बैठक के नियमों में छूट दी है और वित्तीय स्टेटमेंट्स की मंजूरी, बोर्ड रिपोर्ट, रिस्ट्रक्चरिंग आदि के लिए भौतिक बैठकों को 30 जून तक टालने की मंजूरी दी है। परामर्श में यह भी कहा गया है कि मंत्रालय कंपनी कानून, 2013 के तहत अन्य रियायत देने पर भी विचार कर रहा है। भारत में अभी तक 170 लोग कोरोना वायरस से सक्रंमित हो चुके हैं और इससे अब तक चार लोगों की मौत हुई है।