मुंबई। क्या बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए खतरा है? रिजर्व बैंक का यही मानना है। रिजर्व बैंक ने बुधवार को क्रिप्टोकरेंसी को लेकर एक बार फिर अपनी आपत्ति जतायी। केंद्रीय बैंक का कहना है कि क्रिप्टोकरेंसी वृहद आर्थिक और वित्तीय स्थिरता के लिए एक गंभीर खतरा है।
रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने यहां एक कार्यक्रम में क्रिप्टोकरेंसी को अनुमति न देने संबंधी अपने विचारों को दोहराते हुए कहा कि यह मुद्रा केंद्रीय बैंकों के नियमन के दायरे में नहीं आती है। ऐसे में किसी वित्तीय प्रणाली के लिए ये बड़ा जोखिम है। दास का यह बयान रिजर्व बैंक की आंतरिक समिति की क्रिप्टोकरेंसी पर रिपोर्ट आने से पहले आया है। यह रिपोर्ट अगले महीने आने की उम्मीद है।
मौद्रिक नीति के पुनर्संतुलन में लगा है रिजर्व बैंक
भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने महामारी से बेहाल क्षेत्रों को तरलता सुनिश्चित करने के लिए उठाए गए मौद्रिक कदमों को फलदायक बताते हुए बुधवार को कहा कि मौद्रिक नीति का पुनर्संतुलन एक जटिल एवं लंबी प्रक्रिया है। दास ने कहा कि कोविड-19 महामारी का प्रकोप बढ़ने के साथ ही केंद्रीय बैंक ने तरलता बनाए रखने की दिशा में जो भी कदम उठाए, वे हालात के अनुकूल साबित हुए। दास ने कहा, ‘‘हम वित्तीय व्यवस्था में तरलता का संतुलन साधने की कोशिश कर रहे हैं।’’ रिजर्व बैंक गवर्नर ने कहा, ‘‘मौद्रिक नीति को सामान्य करना काफी गलत समझ लिया जाता है। एक लंबे संकट काल के बाद इसे सामान्य स्थिति में लाना किसी कालीन को लपेटने जैसा नहीं होता है।’’