नई दिल्ली। एयर इंडिया का केंद्र सरकार के ऊपर 451.75 करोड़ रुपए का बिल बकाया है। यह बकाया राष्ट्रपति, उप-राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को लेकर जाने वाली एयर इंडिया की वीवीआईपी उड़ानों के साथ-साथ विशेष मिशन के लिए दी जाने वाली सेवाओं से संबंधित है।
सूचना के अधिकार (आरटीआई) कानून के तहत यह जानकारी मिली है। सेवानिवृत्त कमोडोर लोकेश बत्रा के सूचना के अधिकार के तहत पूछे गए सवाल के जवाब में कहा गया है कि नागर विमानन मंत्री अशोक गजपति राजू समेत मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने 2014 से 2017 के बीच विभिन्न मंत्रालयों को 31 पत्र लिखें, जिनमें उनसे एयर इंडिया के बकाये का समय पर भुगतान करने को कहा गया है।
एयरलाइंस विदेशों में मुश्किल में फंसे नागरिकों को वापस लाने के अभियान के साथ ही विशेष मिशन के साथ विदेशी गणमान्य अतिथियों को भी सेवाएं उपलब्ध कराती है। आरटीआई के तहत पूछे गए सवाल के जवाब में कहा गया है कि चार्टर्ड वीवीआईपी उड़ानों, विमान के रखरखाव तथा विदेश मंत्रालय के विदेशों में फंसे लोगों को निकालने के लिए चलाए गए मिशन का 31 मार्च 2017 तक 451.75 करोड़ रुपए का बकाया है। इसमें से कुछ बिल तो 2006 के हैं।
9 नवंबर 2016 से 10 फरवरी 2017 के दौरान प्रधानमंत्री की अमेरिका, अफ्रीकन देशों, उजबेकिस्तान, वियतनाम और थाईलैंड की यात्रा का 47.37 करोड़ रुपए का बिल बकाया है। इसके अलावा जून 2008 से मार्च 2017 के बीच उप-राष्ट्रपति की 22 यात्राओं का 206.19 करोड़ रुपए विदेश मंत्रालय पर बकाया है। इसके अतिरिक्त 2013, 2014, 2015 और 2016 के लिए बोइंग 747-400 जहाल के रखरखाव का 145.63 करोड़ रुपए भी बकाया है। ईराक, माल्टा, केरो के युद्धग्रस्त इलाकों से भारतीयों को निकालने और सितंबर 2005 में कैटरीना तूफान के दौरान अमेरिका को मदद पहुंचाने की सेवाओं का बिल भी मंत्रालय पर बकाया है।