नई दिल्ली। सरकार ने खाद्य कानून के तहत राशन की दुकानों के जरिए बेचे जाने वाले अनाज का मूल्य एक साल और नहीं बढ़ाने का फैसला किया है। पूर्व संप्रग सरकार के शासनकाल के दौरान वर्ष 2013 में पारित राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून (एनएफएसए) के तहत अनाज के दाम में हर तीन साल बाद समीक्षा का प्रावधान है। फिलहाल इस कानून के तहत सरकार देश में 81 करोड़ लोगों को एक से तीन रुपए किलो के भाव पर अनाज उपलब्ध करा रही है। इससे सरकारी खजाने पर सालाना 1.4 लाख करोड़ रुपए का बोझ पड़ रहा है।
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खाद्य मंत्री राम विलास पासवान ने ट्विटर पर लिखा है कि,
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एनएफएसए के तहत एक और वर्ष के लिये खाद्यान्न की कीमत नहीं बढ़ाने का ऐतिहासिक फैसला किया है।
उन्होंने लिखा है कि कीमत नहीं बढ़ाने का फैसला करके सरकार ने वंचित वर्ग की बेहतरी के लिए प्रतिबद्धता दिखाई है। सरकार देशभर में फैली पांच लाख राशन की दुकानों के जरिए हर महीने प्रति व्यक्ति 5 किलो अनाज सस्ती दर पर आपूर्ति कर रही है। इसके तहत चावल तीन रुपए किलो, गेहूं दो रुपए तथा मोटा अनाज एक रुपए किलो पर उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
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खाद्य सुरक्षा कानून नवंबर 2016 से देशभर में लागू किया गया है। पासवान ने हाल ही में कहा है कि आने वाले समय में सरकार का ध्यान सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत पंजीकृत गरीब लोगों को पोषण सुरक्षा देने पर ध्यान रहेगा।