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मानसून सत्र के पहले दिन सरकार ने वापस लिया बैंकिंग विनियमन विधेयक, प्रश्‍नकाल खत्‍म करने पर दिया ये जवाब

भारतीय रिजर्व बैंक को संकटग्रस्त सहकारी बैंकों को पुनर्गठन का मौका देने वाली कुछ चीजों को जोड़ने के लिए विधेयक को वापस लिया जा रहा है, जो कि बहुत जरूरी है।

Edited by: India TV Paisa Desk
Published : September 14, 2020 14:10 IST
Government withdraw Banking Regulation Bill on Day 1 of Monsoon Session
Photo:PTI

Government withdraw Banking Regulation Bill on Day 1 of Monsoon Session

नई दिल्‍ली। केंद्र सरकार ने सोमवार को मानसून सत्र के पहले दिन बैंकिंग विनियमन (संशोधन) विधेयक, 2020 को वापस ले लिया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने विधेयक को वापस लेने के लिए लोकसभा में यह कहते हुए एक प्रस्ताव रखा कि वह इस साल 3 मार्च को विधेयक लेकर आई थीं और बाद में एक अध्यादेश पारित किया गया था। उन्होंने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक को संकटग्रस्त सहकारी बैंकों को पुनर्गठन का मौका देने वाली कुछ चीजों को जोड़ने के लिए विधेयक को वापस लिया जा रहा है, जो कि बहुत जरूरी है। बाद में सदन ने विधेयक को वापस लेने के लिए अपनी मंजूरी दे दी।

इससे पहले, रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी (आरएसपी) के नेता एन.के. प्रेमचंद्रन ने सीतारमण द्वारा विधेयक को वापस लेने के लिए यह कहते हुए विरोध किया कि अध्यादेश केवल असाधारण स्थितियों में लाया जाता है, जब सरकार कानून चाहती है लेकिन अब वित्त मंत्री विधेयक को वापस लेने के लिए आई हैं। उन्होंने कहा कि जब आप एक विधायी प्रस्ताव लाते हैं, तो समाज के दीर्घकालिक हित को ध्यान में रखना पड़ता है। सरकार की तरफ से गंभीरता की कमी विधायी प्रक्रिया में दिखाई देती है। यह अनुच्छेद 123 की संवैधानिक शक्ति के दुरुपयोग का एक स्पष्ट मामला है। मैं विधेयक का विरोध करता हूं।

प्रश्नकाल और गैर सरकारी कामकाज के निलंबन से जुड़े प्रस्ताव को लोकसभा की मंजूरी

कांग्रेस और कई अन्य विपक्षी दलों के विरोध के बीच सरकार ने संसद के मानसून सत्र के दौरान प्रश्नकाल एवं गैर सरकारी कामकाज के निलंबन से जुड़ा प्रस्ताव सोमवार को लोकसभा में रखा जिसे निचले सदन ने मंजूरी प्रदान कर दी। विपक्षी दलों ने प्रश्नकाल के निलंबन का विरोध किया और सरकार पर सवालों से बचने का आरोप लगाया जिस पर सरकार ने कहा कि यह असाधारण परिस्थिति है जिसमें राजनीतिक दलों को सहयोग करना चाहिए। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि इस सत्र का आयोजन असाधारण परिस्थितियों में हो रहा है और यह तय हुआ कि सदन चार घंटे के लिए चलेगा। इस दौरान प्रश्नकाल और गैर सरकारी कामकाज नहीं रखने के विषय पर संसदीय कार्य मंत्री और संसदीय कार्य राज्य मंत्री ने विभिन्न दलों के नेताओं से बात की थी।

उन्होंने कहा कि मैंने भी विभिन्न दलों के नेताओं से बात की और अधिकतर दलों ने इस पर अपनी सहमति व्यक्त की थी। सिंह ने कहा कि मैं सभी दलों के सदस्यों से अनुरोध करना चाहता हूं कि असाधारण परिस्थितियों में सत्र प्रारंभ हो रह है और आप सभी का सहयोग चाहिए। रक्षा मंत्री ने कहा कि सत्र के दौरान अतारंकित प्रश्नों के जरिये सदस्य प्रश्न पूछ सकते हैं और शून्यकाल में स्पष्टीकरण भी मांग सकते हैं। इससे पहले लोकसभ अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि वैश्विक स्तर पर असाधारण परिस्थितियों में सभी से सहयोग अपेक्षित है। लोकसभा के नियमों एवं प्रक्रियाओं के तहत सभी को पर्याप्त समय और अवसर दिया जाएगा। सरकार ने भी इस पर सहमति जतायी है। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने इस संबंध में लोकसभा में प्रस्ताव रखते हुए कहा कि सरकार सवालों से भाग नहीं रही है और वह सभी सवालों का जवाब देने के लिए तैयार है।

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