नई दिल्ली। वित्त मंत्रालय ने कहा है कि वह मर्चेंट छूट दर (MDR) के मुद्दे पर भारतीय रिजर्व बैंक (MDR) के साथ चर्चा करेगा ताकि इसे कम करने की प्रणाली पर काम किया जा सके। RBI ने हाल ही में इस दर को सौदा मूल्य के 0.25 प्रतिशत से बढ़ाकर 0.90 प्रतिशत कर दिया। मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार उक्त शुल्कों में बढोतरी से डिजिटल इंडिया अभियान पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है इसलिए इस मुद्दे पर विचार किए जाने की जरूरत है।
वहीं RBI ने स्पष्ट किया है कि उसने MDR के बारे में फैसला सभी भागीदारों के साथ विचार-विमर्श के बाद किया।
आपको बता दें कि हाल ही में नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ कान्त ने कहा था कि हम डिजिटल लेनदेन को प्रोत्साहन दे रहे हैं। हमारा मकसद MDR शुल्क को नीचे लाना है। इसके अलावा यदि मात्रा के हिसाब से लेनदेन बढ़ता है, तो MDR शुल्क नीचे आएगा।
कान्त ने हाल में डेबिट कार्ड लेनदेन पर एमडीआर को तर्कसंगत बनाने संबंधी हालिया सर्कुलर के मसौदे पर कहा था कि हम RBI के इस सर्कुलर की समीक्षा कर रहे हैं। MDR दरों को नीचे लाना चुनौती है। हम इस चुनौती को पूरा करेंगे।