नई दिल्ली। सरकार एयर इंडिया में अपनी 100 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने जा रही है। सोमवार को सरकार ने एयर इंडिया की बिक्री से जुड़े प्रिलिमिनरी इंफोर्मेशन मेमोरेंडम जारी कर दिया है। जिसमें बताया गया है कि सरकार एयर इंडिया में से अपनी 100 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचेगी।
एक रणनीतिक विनिवेश के तहत, एयर इंडिया अपनी लो कॉस्ट एयरलाइन एयर इंडिया एक्सप्रेस में भी अपनी 100 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने जा रहीे इसके साथ ही एयर इंडिया अपने जॉइंट वेंचर एआईएसएटीएस में अपनी 50 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने जा रही है।
मेमोरेंडम में बताया गया है कि एयरलाइन का प्रबंधन भी सफल खरीदार को हस्तांतरित किया जाएगा। सरकार ने एक्सप्रेशन आफ इंटरेस्ट (EoI) जमा करने के लिए अंतिम तारीख 17 मार्च तय की है। सरकार ने एयर इंडिया की विनिवेश प्रक्रिया के ट्रांजेक्शन एडवाइजर के रूप में अर्नस्ट एंड यंग का चयन किया है।
श्रमिक संगठनों ने बुलाई बैठक
सरकार द्वारा एअर इंडिया के निजीकरण की सोमवार को निविदा जारी करने के बाद कंपनी के विभिन्न श्रमिक संगठन यहां बैठक करेंगे। सूत्रों ने जानकारी दी कि सरकार के एअर इंडिया में 100 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने की घोषणा करने के बाद यह बैठक बुलाई गई है। उल्लेखनीय है कि दिन की शुरुआत में सरकार ने कंपनी की हिस्सेदारी बेचने के लिए निविदा दस्तावेज सोमवार को जारी कर दिए। इसमें इच्छुक पक्षों से 17 मार्च तक रुचि पत्र मांगे गए हैं।
एअर इंडिया के विभिन्न श्रमिक संगठनों के प्रतिनिधि यहां सरकार के निजीकरण प्रस्ताव पर बातचीत करेंगे। एअर इंडिया के करीब दर्जनभर मान्यता प्राप्त श्रमिक संगठन हैं। निविदा दस्तावेज के अनुसार, एअर इंडिया के रणनीतिक विनिवेश के तहत सरकार एअर इंडिया की सस्ती विमानन सेवा एअर इंडिया एक्सप्रेस में भी 100 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचेगी। इसके अलावा एअर इंडिया के सिंगापुर एयरलाइंस (सैट्स) के साथ संयुक्त उपक्रम एअर इंडिया-सैट्स एयरपोर्ट सर्विसेस प्राइवेट लिमिटेड (एआईसैट्स) की 50 प्रतिशत हिस्सेदारी बेची जाएगी।
एअर इंडिया का प्रबंधन भी सफल बोली लगाने वाले को हस्तांतरित कर दिया जाएगा। दो साल से भी कम अवधि में एअर इंडिया को बेचने की यह सरकार की दूसरी कोशिश है। पिछली बार सरकार का यह प्रयास असफल रहा था। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2018 में सरकार ने एअर इंडिया में 76 प्रतिशत हिस्सेदारी और प्रबंधकीय नियंत्रण निजी हाथों में देने के लिए निविदा जारी की थी।