नई दिल्ली। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने न्यूनतम कर्मचारियों की सख्यां में बदलाव का फैसला किया है। इसके तहत श्रम मंत्रालय ने न्यूनतम 10 या उससे अधिक संख्या में कर्मचारी वाली इकाइयों को EPF के दायरे में लाने के लिए एक अधिशासी आदेश जारी करने का निर्णय किया है। मौजूदा न्यूनतम कर्मचारी सीमा की आधी है। मौजूदा प्रावधानों के अनुसार 20 या इससे अधिक कर्मचारियों वाली फर्मों को ईपीएफओ द्वारा चलाई जा रही सामाजिक सुरक्षा योजना EPF में अंशदान करना जरूरी है।
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50 लाख कामगारों को फायदा
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, श्रम मंत्रालय एक कार्यकारी आदेश के जरिए ईपीएफ के लिए न्यूनतम कर्मचारी सीमा घटाकर 10 कर्मचारियों की करना चाहता है। इससे 50 लाख से अधिक अतिरिक्त कामगार ईपीएफओ द्वारा संचालित सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के दायरे में आ जाएंगे। उन्होंने कहा, इसे ईपीएफ व एमपी कानून में प्रस्तावित संशोधनों में भी शामिल किया गया है। परामर्श के लिए दो महीने का नोटिस देने के बाद एक अधिसूचना के जरिए न्यूनतम सीमा में बदलाव का एक प्रावधान किया गया है।
जल्द लागू होंगे संशोधन
अब, श्रम मंत्रालय ने श्रम कानूनों में इस तरह के संशोधनों के साथ आगे बढ़ने की योजना बनाई है जिसमें संसद की मंजूरी लेने की जरूरत नहीं होती। हम अगले महीने के प्रथम सप्ताह तक परामर्श के लिए नोटिस जारी करेंगे। इस तरह से अप्रैल या मई तक सीमा में बदलाव किया जा सकता है। न्यूनतम सीमा घटाने के प्रस्ताव को श्रम मंत्री की अध्यक्षता वाले केन्द्रीय ट्रस्टी बोर्ड की 5 जुलाई, 2008 को हुई एक बैठक में मंजूरी प्रदान की गई थी, लेकिन इसे अभी तक लागू नहीं किया जा सका।