नई दिल्ली। सरकार ने नौकरी छूटने पर दी जाने वाली राहत के नियमों को सरल कर दिया है, जिसके बाद अब ईएसआईसी से इंश्योर्ड 40 लाख कर्मचारी नौकरी जाने पर आधे वेतन की सुरक्षा पा सकेंगे। ये वेतन 3 महीने तक दिया जाएगा। प्रस्ताव को गुरुवार को ईएसआईसी (employee state insurance corporation) के बोर्ड ने मंजूरी दे दी है। बैठक की अध्यक्षता श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने की। नियम 24 मार्च से 31 दिसंबर के बीच लागू रहेगा। यानि इस दौरान नौकरी गंवा चुके या फिर नौकरी गंवाने वालों को 3 महीने के औसत वेतन का आधा दिया जाएगा।
ईएसआईसी ने अनुमान लगाया है कि इस कदम से मार्च से दिसंबर के बीच 41 लाख श्रमिकों को फायदा मिलेगा। इस फैसले से सरकार पर 6700 करोड़ रुपये का भार पड़ेगा। बोर्ड के मुताबिक श्रमिक द्वारा ली जा रही आखिरी वेतन का 50 फीसदी रकम अगले 3 महीने तक उनको राहत के रूप में दी जाएगी। पहले के नियमों के मुताबिक नौकरी छूटने के 90 दिन के बाद बेरोजगारी राहत की मांग की जा सकती थी, हालांकि अब ये सीमा घटा कर 30 दिन कर दी गई है। जिससे बड़ी संख्या में श्रमिक इसके दायरे में आ गए हैं। वहीं राहत सीमा भी वेतन के 50 फीसदी तक हो गई है
21 हजार रुपये से कम आय पाने वाले श्रमिक ईएसआईसी योजना के दायरे में आते हैं। हर माह उनके वेतन का एक छोटा हिस्सा काट कर ईएसआईसी में जमा किया जाता है, जिससे वो मेडिकल जरूरतों के खर्च वहन कर सकें। इन श्रमिकों को आईपी या इंश्योर्ड पर्सन कहा जाता है। इंश्योर्ड पर्सन अपनी बेसिक सैलरी का 0.75 फीसदी और उनको काम देने वाले 3,25 फीसदी ईएसआईसी में जमा करते हैं।
जॉब जाने पर ईएसआईसी के ये इंश्योर्ड पर्सन यानि श्रमिक अब सीधे ही ईएसआई के ब्रांच ऑफिस में बेरोजगारी राहत के लिए आवेदन भेज सकते है। इसके लिए कंपनी की तरफ से आवेदन किए जाने की जरूरत नहीं होगी। ब्रांच ऑफिस में ही वेरीफिकेशन किया जाएगा, और भुगतान भी सीधे श्रमिक के बैंक खाते में होगा। पहचान के लिए आधार नंबर का इस्तेमाल किया जाएगा