नई दिल्ली। ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के मामले में एक और नया बड़ा कदम सरकार उठाने जा रही है। देश में कारोबार करने को और आसान बनाने के लिए सरकार जल्द ही कंपनियों के लिए बिजनेस आईडेंटीफिकेशन (बिन) नंबर जारी करेगी, इससे किसी कंपनी को विभिन्न रजिस्ट्रेशन नंबर कराने से छुटकारा मिलेगा। बिन विभिन्न नियामकीय उद्देश्यों के लिए एक पहचान संख्या के तौर पर काम करेगा और कंपनियों को कंपनी पहचान संख्या और श्रम पहचान संख्या जैसी अलग-अलग रजिस्ट्रेशन नंबर लेने की जरूरत नहीं होगी। वर्तमान में, एक कंपनी को 18 अलग-अलग रजिस्ट्रेशन नंबर लेने की आवश्यकता होती है।
एक अधिकारी ने बताया कि नए प्रस्ताव के मुताबिक, परमानेंट एकाउंट नंबर (पैन) कंपनियों के लिए बिन बन सकता है। औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग (डीआईपीपी) इस मामले पर कंपनी मामलों के मंत्रालय के साथ चर्चा कर रहा है। उन्होंने बताया कि, डीआईपीपी अगले दो-तीन महीने में बिन पेश कर सकता है। इससे कंपनियों के रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया में लगने वाला समय घटाने में मदद मिलेगी। कंपनियों को बिन के लिए ई-बिज पोर्टल पर आवेदन करना होगा। यह पोर्टल इन्वेस्टमेंट प्रपोजल्स को वन-स्टॉप क्लियरेंस प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराएगा।
वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट के मुताबिक 2016 में 189 देशों की लिस्ट में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के मामले में भारत की रैंक 130 है। पिछले साल की रैंकिंग से इस साल चार स्थान का सुधार हुआ है। सरकार का लक्ष्य भारत को टॉप 50 रैंक में शामिल करने का है। मौजूदा नियमों के सरलीकरण और तर्कसंगत बनाने के कदमों के जरिये सरकार ने भारत में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के लिए कई कदम उठाए हैं। सरकार ने गवर्नेंस को अधिक क्षमतावान और प्रभावी बनाने के लिए इंफोर्मेशन टेक्नोलॉजी का उपयोग भी बहुत अधिक बढ़ाया है।