नई दिल्ली। केंद्र प्याज की कीमतों पर नियंत्रण रखने के लिए बड़े पैमाने पर प्याज का आयात करने जा रही है। सरकार ने प्याज की ऊंची कीमतों से निपटने के लिए 1 लाख टन प्याज का आयात करने का फैसला लिया है। ये प्याज अफगानिस्तान से खरीदा जाएगा। योजना के मुताबिक हर दिन देश में 4000 टन प्याज आएगा। अनुमान है कि अगले एक महीने के अंदर प्याज की नई फसल भी बाजार में आने लगेगी, इस अवधि के दौरान आयातित प्याज की मदद से कीमतों को नियंत्रित रखा जा सकेगा।
सरकार ने प्याज के आयात का फैसला इसलिए लिया है क्योंकि सरकार के पास प्याज का महज 25 हजार टन का सुरक्षित भंडार (बफर स्टॉक) ही बचा हुआ है। अनुमान है कि यह स्टॉक नवंबर के पहले सप्ताह तक समाप्त हो जायेगा। फिलहाल देश में प्याज की खुदरा कीमतें 75 रुपये किलो के पार जा चुकी हैं। ऐसे में इसकी उपलब्धता सुनिश्चित करने तथा कीमतों को नियंत्रित करने के लिये नाफेड सुरक्षित भंडार से प्याज बाजार में उतार रहा है। नाफेड ने इस साल के लिये करीब एक लाख टन प्याज की खरीद की थी।
इसके साथ ही प्याज की कीमतों को नियंत्रण में रखने के लिए केंद्र ने शुक्रवार को खुदरा और थोक व्यापारियों पर 31 दिसंबर तक के लिये स्टॉक सीमा लागू कर दी है, ताकि प्याज की घरेलू उपलब्धता की स्थिति में सुधार लाया जा सके और घरेलू उपभोक्ताओं को राहत मिल सके। अब खुदरा व्यापारी केवल दो टन तक प्याज का स्टॉक रख सकते हैं, जबकि थोक व्यापारियों को 25 टन तक रखने की अनुमति है।
सरकार के द्वारा लिए गए कदमों का असर भी देखने को मिला है सरकार की दखल के बाद दिल्ली, मुंबई और चेन्नई जैसे प्रमुख बाजारों में प्याज के थोक भाव अपनी ऊचें स्तरों से नीचे आ गए हैं। फिलहाल सरकार नई फसल के आने तक आयात के द्वारा सप्लाई बनाए रखना चाहती है जिससे प्याज की कीमतों पर नियंत्रण बना रहे।