नई दिल्ली। फूड प्रोसेसिंग मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि सरकार की 5,000 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत से देश भर में 250 स्मॉल एग्रो-प्रोसेसिंग क्लस्टर्स स्थापित करने की योजना है। जरूरी मंजूरियां प्राप्त होने के बाद मिनिस्ट्री ऑफ फूड प्रोसेसिंग इस बारे में सरकारी और प्राइवेट कंपनियों से अभिरुचि पत्र आमंत्रित करेगा। हरसिमरत ने कहा, हम फल अथवा सब्जी विशेष के उत्पादक क्षेत्र के निकट प्रोसेसिंग क्लस्टर्स स्थापित करने की ओर ध्यान दे रहे हैं। इसलिए, अगर कोई प्याज के लिए यूनिट स्थापित करना चाहता है तो वह ऐसा कर सकता है और सरकार हर क्लस्टर के लिए पांच करोड़ रुपए की सब्सिडी प्रदान करेगी।
बादल ने कहा कि इस प्रस्ताव का मकसद किसानों के दरवाजे तक प्रसंस्करण के काम को ले जाना है ताकि उनकी आय को बढ़ाया जा सके और उसी समय बर्बादी को भी कम किया जा सके जो कीमतों पर भी अंकुश लगाने में मदद करेगा। मंत्री ने कहा कि 250 लघु कृषि प्रसंस्करण संकुल स्थापित करने के लिए खाका तैयार कर लिया गया है और प्रत्येक संकुल के लिए 20 करोड़ रुपए के निवेश की आवश्यकता होगी। सरकार की उपलब्धियों को साझा करते हुए मंत्री ने कहा कि पिछले दो वर्षों में करीब 2,000 करोड़ रुपए के निवेश से 32 लाख टन फूड प्रोसेसिंग क्षमता को स्थापित किया गया है।
हरसिमरत ने कहा, इसके साथ भारत खाद्य पदार्थों की बर्बादी को शून्य करने की ओर बढ़ रहा है। प्रसंस्करण क्षमता में नयी होने जा रही वृद्धि प्रतिवर्ष 9,000 करोड़ रुपए के फलों और सब्जियों की बर्बादी को कम करेगा क्योंकि इस मूल्य के इन कमोडिटी को अब प्रसंस्करण किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि एक तरफ क्षमता में वृद्धि किसानों को अपने उत्पादों के लिए बेहतर आय पाने में मदद करेगा और दूसरी ओर यह खराब होने वाले जिंसों की कीमतों को भी अंकुश में रखेगा। उन्होंने कहा कि नरेन्द्र मोदी नीत सरकार ने 37 मेगा फूड पार्क को मंजूरी दी है जिसमें से आठ को परिचालन में लाया गया है।