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औद्योगिक उत्पादन और थोकमूल्यों के सूचकांकों का नवीनीकरण साल के अंत तक

सरकार औद्योगिक उत्पादन और थोकमूल्य संबंधी संशोधित सूचकांक लेकर आएगी ताकि उन्हें बदलते आर्थिक परिदृश्य के ज्यादा अनुकूल संकेतक बनाया जा सके।

Shubham Shankdhar
Published : June 05, 2016 20:31 IST
औद्योगिक उत्पादन और थोकमूल्यों के सूचकांकों का नवीनीकरण साल के अंत तक
औद्योगिक उत्पादन और थोकमूल्यों के सूचकांकों का नवीनीकरण साल के अंत तक

नई दिल्ली। सरकार चालू वित्त वर्ष के अंत तक औद्योगिक उत्पादन और थोकमूल्य संबंधी संशोधित सूचकांक लेकर आएगी ताकि उन्हें बदलते आर्थिक परिदृश्य के ज्यादा अनुकूल संकेतक बनाया जा सके। इनके लिए आधार वर्ष 2011-12 रखा जाएगा।

देश के मुख्य सांख्यिकीकार टीसीए अनंत ने बातचीत में कहा, औद्योगिक उत्पादन (IIP) की समीक्षा की जा रही है और काफी काम हो चुका है। इसी तरह थोकमूल्य सूचकांक का भी संशोधन होना है और इसका काम भी काफी आगे बढ चुका है। मुझे उम्मीद है दोनों की समीक्षा जल्दी और इसी साल के अंत तक कर ली जाएगी।

औद्योगिक उत्पाद और थोकमूल्य सूचकांकों की वर्तमान श्रृंखला वर्ष 2004-05 के मूल्यों पर आधारित है। इन समीक्षाओं के तहत इस सूचकांकों के शामिल किये जाने वाली वस्तुओं और सूचकांकों में उनके भारांक को नयी वस्तु स्थितियों के अनुसार संशोधित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि नयी श्रृंखला के तहत औद्योगिक उत्पादन सूचकांक और थोकमूल्य सूचकांक मौजूदा सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के संदर्भों में पहले से अधिक संगत हो जाएंगे। अनंत ने कहा, ये सभी सूचकांक 2011-12 की श्रृंखला के जीडीपी के आंकड़ों में शामिल किये जाने वाले उत्पाद समूहों के अधिक समतूल्य योग्य हो जाएंगे। नयी श्रृंखला का आधार वर्ष 2011-12 होगा।

राष्ट्रीय सांख्यिकीय आयोग ने हर पांच साल में सभी आर्थिक सूचकांकों के आधार वर्ष के संशोधन की सिफारिश की है। सरकार ने इससे पहले 2011 में इन सूचकांकों में संशोधन कर इनका आधार वर्ष 2004-05 किया गया। इसके अलावा मुख्य सांख्यिकीकार ने यह भी बताया कि सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय सेवा क्षेत्र के लिए एक अलग सूचकांक लाने पर विचार कर रहा है। यही मंत्रालय सकल घरेलू उत्पादन और थोकमूल्य सूचकांक तथा उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के आंकड़े जारी करता है। फिलहाल सेवा क्षेत्र के लिए ऐसा कोई सूचकांक नहीं है। उन्होंने कहा, काम चल रहा है। मूल्य और मात्रा दोनों पर बहुत काम करना है। लेकिन फिलहाल इनमें से ज्यादातर प्रयोग के चरण में हैं।

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