नई दिल्ली। वाणिज्य मंत्रालय की तरफ से जारी अधिसूचना के मुताबिक, सभी तरह के मटर के लिए न्यूनतम आयात मूल्य 200 रुपए प्रति किलो निर्धारित किया गया है। हालांकि, सिर्फ कोलकाता पोर्ट के रास्ते ही आयात की अनुमति दी गई है। बता दें कि देश में आयात होने वाले दलहन में अधिकतर हिस्सेदारी मटर की ही होती है।
ज्यादातर मटर कनाडा से आयात किया जाता है। इस साल देश में दलहन आयात में जोरदार इजाफा देखा जा रहा है। चालू वित्त वर्ष 2019-20 की पहली छमाही के दौरान दलहन आयात 36.55 प्रतिशत बढ़कर 1509395 टन दर्ज किया गया है, जबकि वित्त वर्ष 2018-19 की पहली छमाही में दलहन आयात 1105525 टन दर्ज किया गया था।
केंद्र बफर स्टॉक से 8.47 लाख टन दलहन बाजार में लाएगा
घरेलू उपलब्धता को बढ़ाने और कीमतों में स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने बीते बुधवार को अपने बफर स्टॉक से 8.47 लाख टन दलहन को बाजार में लाने का फैसला किया है। केन्द्र राज्यों को दलहन बाजार मूल्य पर उपलब्ध कराएगा। प्रमुख शहरों में दालों का भाव औसतन 60-95 रुपए के प्रति किलोग्राम के बीच है। कुछ जगह उड़द 140 रुपए तक चली गयी है।
सरकारी बयान में कहा गया है, 'मूल्य स्थिरीकरण तंत्र के तहत उपभोक्ता मामलों के विभाग ने बफर स्टॉक से औसतन बाजार दर पर राज्य सरकारों को लगभग 8.5 लाख टन दालों को बेचने की पेशकश की है।' इस संबंध में निर्णय उपभोक्ता मामलों के सचिव अविनाश श्रीवास्तव की अध्यक्षता में एक बैठक के दौरान लिया गया। इस बैठक में पूरे देश में दालों की कीमतों और उपलब्धता की समीक्षा की गई थी। बयान में कहा गया, 'इसका उद्देश्य पूरे भारत के बाजारों में दालों की उपलब्धता बढ़ाना सुनिश्चित करना है और यह भी सुनिश्चित करना है कि कीमतें स्थिर रहें।' सरकार ने 3.2 लाख टन अरहर (अरहर), दो लाख टन उड़द, 1.2 लाख टन चना, 1.5 लाख टन मूंग और 57,000 टन मसूर की पेशकश की है।
मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, चना की औसत दर 65 रुपये प्रति किलोग्राम, अरहर 85 रुपए प्रति किलोग्राम, उड़द 95 रुपए प्रति किलोग्राम, मूंग 85 रुपए प्रति किलोग्राम और मसूर 60 रुपए प्रति किलोग्राम है। हालांकि, चना की अधिकतम दर 88 रुपए, तुअर की 110 रुपए, उड़द की 140 रुपए, मूंग की 120 रुपए और मसूर की 100 रुपए प्रति किलोग्राम है। सरकार के फैसले पर टिप्पणी करते हुए, भारतीय दलहन एवं अनाज संघ (आईपीजीए) के अध्यक्ष जीतू भेड़ा ने कहा, 'आईपीजीए इस विचार-विमर्श का स्वागत करता है लेकन केवल उड़द न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से ऊंचे भाव पर बिक रही है। केवल इसे ही बफर स्टॉक से जारी किया जाना चाहिए। अन्य सभी दालें एमएसपी से नीचे बिक रही हैं और इसलिए इनका बफर स्टॉक खाली नहीं किया जाना चाहिए।' भेड़ा ने कहा कि सरकार को उड़द के लिए आयात मानदंडों में ढील देने पर विचार करना चाहिए।