नई दिल्ली। शराब कारोबारी विजय माल्या को बड़ा झटका लगा है। सरकार ने माल्या का पासपोर्ट सस्पेंड कर दिया है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने विदेश मंत्रालय के अधीन आने वाले पासपोर्ट प्राधिकरण को पत्र लिखकर विजय माल्या का पासपोर्ट सस्पेंड करने की मांग की थी।
आईडीबीआई बैंक से 900 करोड़ रुपए लोन में हुई धोखाधड़ी की जांच के लिए ईडी ने विजय माल्या को तीन बार समन जारी कर उपस्थित होने के लिए कहा था, लेकिन तीनों बार माल्या ने उपस्थित होने से इंकार कर मई तक का समय मांगा है। सूत्रों ने पहले ही बताया था कि ईडी माल्या के खिलाफ उपयुक्त कार्रवाई पर विचार कर रहा है। इसमें माल्या के पासपोर्ट को रद्द करना और गैर-जमानती वारंट जारी करने को लेकर मुंबई में अदालत का दरवाजा खटखटाना शामिल है। अधिकारियों ने कहा कि मामले में जांच को आगे बढ़ाने के लिए उपयुक्त कार्रवाई जरूरी थी।
तस्वीरों में देख्ािए विजय माल्या की जिंदगी
Vijay Mallya
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माल्या के नौ अप्रैल को तीसरी बार जांच एजेंसी के समक्ष व्यक्तिगत रूप से उपस्थित नहीं होने के बाद ईडी के मुंबई स्थित क्षेत्रीय कार्यालय ने यह कदम उठाया है। माल्या ने पिछले सप्ताह मामले में जांच अधिकारी (आईओ) को सूचित किया कि वह व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर अपना बयान देने में असमर्थ हैं। उन्होंने कर्ज मामले के निपटान के लिए उच्चतम न्यायालय में जारी कानूनी कार्यवाही का हवाला दिया। हालांकि उन्होंने कहा कि उनकी कानूनी टीम ईडी को जांच आगे बढ़ाने में मदद कर सकती है।
एजेंसी ने माल्या को ताजा समन जारी कर उन्हें नौ अप्रैल को उपस्थित होने को कहा था। इससे पहले उन्हें 18 मार्च तथा दो अप्रैल को ईडी के समक्ष उपस्थित होना था लेकिन आधिकारिक कारणों का हवाला देते हुए उन्होंने उपस्थित होने के लिए समय मांगा था। इससे पहले, ईडी अधिकारियों ने कहा था कि अगर आरोपी तीन बार समन जारी होने पर उपस्थित नहीं होता है ईडी पासपोर्ट रद्द कर सकता है या गैर-जमानती वारंट जारी कर सकता है। मनी लॉन्ड्रिंग निरोधक कानून के तहत समन जारी करने की यह अधिकतम सीमा है।