नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बृहस्पतिवार को कहा कि वैश्विक मांग के अनुरूप कार्यबल तैयार करना ही सरकार का कौशल विकास एजेंडा है और बेहतर कौशल विकास के लिये अनुकूल परिवेश बनाने के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं। एक आधिकारिक बयान के अनुसार मोदी ने कहा कि उन्होंने महसूस किया है कि पूरा राष्ट्र ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान के तहत एकजुट हुआ है, और यह हर भारतीय के लिए आज समय की जरूरत है कि मौजूदा बदलते दौर में वह आत्मनिर्भर बने। कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय के ‘कौशलाचार्य समादार 2020’ के दूसरे संस्करण में मोदी के इस संदेश को पढ़ा गया। मंत्रालय के इस कार्यक्रम में देशभर में कौशल विकास में प्रशिक्षकों के योगदान को सराहा जाता है।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘ वैश्विक मांग के अनुरूप कार्यबल तैयार करना ही सरकार का कौशल विकास एजेंडा है। इसी दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए कई प्रयास किए गए हैं ताकि कौशल विकास के एक मजबूत माहौल को तैयार किया जा सके।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ कई ऐसे क्षेत्र हैं जहां कुशल युवाओं की मांग बढ़ रही है। यह हमारे युवा कार्यबल के लिए एक मौका है कि वह खुद को मौजूदा चुनौतियों के अनुरूप ढाल सके और आत्मनिर्भर भारत अभियान के मजबूत स्तंभ बने।’’ मोदी ने कौशल विकास, पुर्नकौशल और कौशल उन्नयन पर जोर देने की बात कही। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में प्रशिक्षकों और विशेषज्ञों की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि आज जिन प्रशिक्षकों को सम्मानित किया गया है वे कई अन्य को प्रेरित करेंगे और युवाओं एवं देश के विकास में अपना योगदान देते रहेंगे। कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री महेंद्र नाथ पांडे ने कहा कि जैसे-जैसे समय बदल रहा है, प्रशिक्षकों की भूमिका अहम होती जा रही है। वे भविष्य में उद्योग की मांग के अनुरूप युवा पीढ़ी के लिए आगे का रास्ता तैयार कर रहे हैं। कार्यक्रम के दौरान विभिन्न पृष्ठभूमियों से आने वाले कुल 92 प्रशिक्षकों को सम्मानित किया गया।