नई दिल्ली। सरकार ने व्हाट्सएप को एक और नोटिस भेजकर फर्जी और भ्रामक संदेशों के प्रसार को रोकने के लिए प्रभावी समाधान करने को कहा। सरकार ने कंपनी को चेतावनी दी है कि अफवाहों के प्रसार में माध्यम बनने वाले भी दोषी माने जाएंगे और मूक दर्शक बने रहने पर उन्हें भी कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। सरकार ने देश में फर्जी और भ्रामक संदेश फैलने के कारण आक्रोशित भीड़ द्वारा निर्दोष व्यक्तियों की हत्या समेत हिंसा के कई मामले सामने आने के बाद व्हाट्सएप पर कड़ा रुख अख्तियार किया है।
सरकार इससे पहले भी व्हाट्सएप को इस तरह की खबरों एवं संदेशों पर रोक लगाने के लिए चेतावनी दे चुकी है। सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने जारी बयान में कहा कि बुरे तत्वों द्वारा जब अफवाहें या फर्जी खबरें फैलायी जाती हैं, इस तरह के दुष्प्रचार में माध्यम बनने वाले जिम्मेदारी और जवाबदेही से नहीं बच सकते हैं। यदि वे मूकदर्शक बने रहते हैं तो उन्हें भी इन संदेशों का वाहक माना जाएगा और फिर उन्हें आगे की कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।
मंत्रालय ने कहा कि उसने वृहद जवाबदेही तथा कानून के बेहतर प्रवर्तन के लिए व्हाट्सएप को अधिक प्रभावी समाधान लाने को कहा है। मंत्रालय ने कहा कि उन्हें सख्त लहजे में बताया गया है कि यह बेहद गंभीर मसला है और इसके लिए बेहद जिम्मेदार तरीके से कदम उठाने की जरूरत है।
कानून एवं आईटी मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने गुरुवार को राज्यसभा को सूचित किया कि वह सोशल मीडिया के दुरुपयोग को रोकने के लिए राजनीतिक दलों समेत विभिन्न हितधारकों से मुलाकात करेंगे।
प्रसाद ने इससे पहले व्हाट्सएप से कहा था कि वह जिम्मेदारी और जवाबदेही से नहीं बच सकती है। इसके बाद व्हाट्सएप ने एक नये फीचर की घोषणा की थी जिसके तहत उपभोक्ता यह पहचान कर सकते हैं कि उन्हें भेजा गया अमुक संदेश भेजने वाले ने भी कहीं से प्राप्त होने पर अग्रसारित (फॉरवार्डेड) किया है। इसके लिए कंपनी ने ‘फारवर्ड लेबल’ की व्यवस्था की है।
सरकार ने कहा है कि केवल अग्रसारित के बारे में जानकारी देना काफी नहीं है कंपनी को ऐसे संदेशों को रोकने के लिये ठोस उपाय करने चाहिए।