नई दिल्ली। सरकार ने आज श्रम कानून में बदलाव को मंजूरी दे दी है। लेबर कोड बिल को आज राज्य सभा से भी पारित कर दिया गया। इसमें श्रमिकों के कल्याण औऱ उनके अधिकारों को मजबूत करने वाले सामाजिक सुरक्षा संहिता, स्वास्थ्य़ और कार्यदशा संहिता, उपजीविकाजन्य सुरक्षा शामिल है। आज केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने ट्वीट कर मजदूरों को मिलने वाले फायदे गिनाए।
- उनके मुताबिक मजदूर यूनियन को मान्यता दी गई है, वहीं 51 फीसदी वोट पाने वाले यूनियन को समझौते के लिए मान्यता प्राप्त यूनियन करार दिया जाएगा। अन्य स्थानों पर सभी यूनियन के समझौते के लिए काउंसिल बनाई जाएगी। इसके साथ ही मजदूर को ट्रिव्यूनल से जल्दी न्याय मिलने की सुविधा मिलेगी, ट्रिव्यूनल में मजदूरों के केस का न्याय एक साल में होगा। इस ट्रिव्यूनल में दो सदस्य होंगे। इससे प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ेगी। इससे मजदूरों की बात आगे रखी जाएगी और उनकी शिकायतों को निपटारा जल्द हो सकेगा।
- स्वास्थ्य सुविधाओ में हर मजदूर का साल में एक बार मुफ्त चेकअप कराया जाएगा। मजदूरों को इलाज के लिए ज्यादा न भटकना पड़े इसके लिए ई.एस.आई.सी. हॉस्पिटल्स, दवाखाना एवं शाखाओं का जिला स्तर तक विस्तार होगा। जोखिम भरे काम करने वाला अगर एक भी मजदूर होगा तो उसको भी ई.एस.आई.सी. का लाभ मिलेगा। साथ ही नए तकनीक के जुड़े काम जैसे, ओला, फ्लिपकार्ट, अमेजॉन आदि उद्योगों के 50 लाख मजदूरों को सामाजिक सुरक्षा मिलेगी।
- मजदूर की नौकरी छूटने पर उसे 3 महीने तक आधा वेतन दिया जाएगा। वहीं नौकरी छूटने पर रि-स्किलिंग के लिए 15 दिन का वेतन मिलेगा। प्रवासी मजदूर को हर साल 1 बार घर जाने के लिए भत्ता मिलेगा, इसके साथ ही प्रवासी मजदूर जहां काम करेगा वहीं उसे राशन भी मिलेगा। वहीं महिला मजदूरों को सभी क्षेत्र में काम करने की इजाजत होगी, रात में काम करने वाली महिलाओं को वाहन औऱ सुरक्षा की व्यवस्था मिलेगी। भवन निर्माण में काम करने वाले मजदूरों को विशेष फंड से सहायता मिलेगी।