नई दिल्ली। कोरोना संकट से आर्थिक रूप से टूट चुके गरीबों और पिछड़े वर्ग के लोगों को वापस खड़ा करने के लिए मोदी सरकार ने नई योजना की शुरुआत की है। इस योजना के तहत कोरोना संकट से आर्थिक मुश्किलों में घिर चुके गरीब और पिछड़े वर्ग को सरकार सीधी सहायता देगी। ये सहायता आसान और कम ब्याज दर के कर्ज के रूप में होगी, जिसपर सरकार ब्याज सब्सिडी भी देगी। सरकार ने इस योजना का नाम विश्वास रखा है।
गरीबों को मिलेगा आसान और सस्ता कर्ज
योजना के तहत छोटे मोटे काम धंधों से जुड़े दलितों और पिछड़ा वर्ग से जुड़े लोगों को आसान शर्तों पर सस्ता कर्ज उपलब्ध कराया जाएगा। इस कर्ज पर सरकार 5 फीसदी की ब्याज सब्सिडी भी देगी। यानि कर्ज पर ब्याज का 5 फीसदी सरकार खुद भरेगी। इस योजना को सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने शुरू किया है। मंत्रालय के मुताबिक कि इस योजना के तहत 3 लाख से ज्यादा लोगों को फायदा पहुंचाने का लक्ष्य है। वहीं योजना के तहत ग्यारह सौ करोड़ रुपये की लोन सब्सिडी भी दी जाएगी।
कौन उठा सकता है योजना का लाभ
नियमों के मुताबिक इस योजना का लाभ दलित और अन्य पिछड़ा वर्ग से जुड़े स्वयं सहायता समूह या फिर कोई शख्स खुद भी इस योजना का फायदा ले सकता है। हालांकि इसके लिए सिर्फ वही लोग योग्य होंगे जिनकी सालाना आय 3 लाख रुपये या फिर उससे कम होगी।
कर्ज पर मिलेगी सब्सिडी
मंत्रालय के मुताबिक इस योजना की जिम्मेदारी नेशनल शेड्यूल कास्ट फाइनेंस डेवलपमेंट कार्पोरेशन और नेशनल बैकवर्ड कास्ट फाइनेंस एंड डेवलपमेंट कार्पोरेशन को दी गई है। इस योजना के तहत स्वयं सहायता समूह को 4 लाख रुपये तक कर्ज पर और व्यक्तिगत कर्ज पर सिर्फ 2 लाख रुपये तक के कर्ज को सब्सिडी मिलेगी। पूरी योजना की प्रक्रिया ऑनलाइन और रिकॉर्ड में होगी जिससे उसकी पारदर्शिता सुनिश्चित होगी।
2024-25 तक जारी ऱखी जा सकती है योजना
फिलहाल इस योजना को एक साल तक ही चलाने की मंजूरी दी गई है। हालांकि मंत्रालय ने जो योजना बनाई है उसके मुताबिक योजना को 2024-25 तक चलाया जा सकता है। इस दौरान योजना के तहत 22 लाख लोगों की मदद और ब्याज सब्सिडी पर 67 सौ करोड़ के खर्च करने का लक्ष्य है।