नई दिल्ली। प्राइवेट जेट ऑपरेटरों को अब उड़ान लाइसेंस के लिए अधिक राशि खर्च करनी पड़ सकती है। सरकार ने मौजूदा लाइसेंस शुल्क में पांच गुना वृद्धि का प्रस्ताव किया है।
नागर विमानन मंत्रालय ने गैर अनूसूचित ऑपरेटरों के लिए लाइसेंस शुल्क को बढ़ाकर पांच लाख रुपए करने का सुझाव दिया है।
- इसके अलावा आवेदन जमा कराने तथा लाइसेंस के नवीकरण शुल्क में भी वृद्धि का प्रस्ताव है।
- इस बारे में मंत्रालय ने विमान नियम, 1937 में संशोधन का प्रस्ताव किया है।
- गैर अनुसूचित ऑपरेटर परमिट के लिए शुल्क को मौजूदा के एक लाख रुपए से बढ़ाकर पांच लाख रुपए करने का प्रस्ताव किया गया है।
- नियमों के मसौदे के अनुसार इसके अलावा आवेदन शुल्क को मौजूदा 25,000 रुपए से बढ़ाकर 50,000 रुपए करने का प्रस्ताव है।
- नवीकरण शुल्क को 50,000 रुपए से बढ़ाकर 2,50,000 रुपए करने का प्रस्ताव है।
- शुल्क वृद्धि के साथ ही मंत्रालय ने लाइसेंस की समयावधि भी बढ़ाकर पांच साल करने का प्रस्ताव किया है।
- वर्तमान में लाइसेंस की अवधि दो साल है और इसे अगले दो साल के लिए नवीकरण किया जा सकता है।
- मंत्रालय ने इस संबंध में सभी भागीदारों से फरवरी तक सुझाव आमंत्रित किए हैं।
- देश में इस समय 120 गैर-अनुसूचित प्राइवेट जेट ऑपरेटर्स हैं।