नई दिल्ली। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बीमा, पेंशन तथा संपत्ति पुनर्निर्माण कंपनियों समेत कई क्षेत्रों के लिए एफडीआई नीति को उदार बनाने का आज प्रस्ताव किया। इसका मकसद और विदेशी निवेश आकर्षित करना है।
जेटली ने 2016-17 के अपने बजट भाषण में कहा, मैं एफडीआई नीति में और सुधार की घोषणा करना चाहूंगा। बीमा और पेंशन, संपत्ति पुनर्निर्माण कंपनियों, शेयर बाजार आदि क्षेत्रों में बदलाव का प्रस्ताव है।
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उन्होंने यह भी कहा कि प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) नीति को किसानों तथा खाद्य प्रसंस्करण उद्योग की जरूरतों को पूरा करना है, क्योंकि किसानों द्वारा उत्पादित काफी मात्रा में फलों एवं सब्जियों को या तो उचित मूल्य नहीं मिल पाता है या फिर वे बाजार में नहीं पहुंचते।
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जेटली ने कहा, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग तथा व्यापार को ज्यादा कुशल होने चाहिए। देश में उत्पादित एवं विनिर्मित खाद्य वस्तुओं के विपणन में एफआईपीबी रास्ते से 100 फीसदी एफडीआई की अनुमति होगी। उन्होंने उम्मीद जताई कि इससे खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय को क्षेत्र को गति देने में मदद मिलेगी। जेटली ने कहा, इससे किसानों को लाभ होगा, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को गति मिलेगी और बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर सृजित होंगे। सरकार रक्षा, रेलवे, चिकित्सा उपकरण तथा नागर विमान पहले ही एक दर्जन से अधिक क्षेत्रों में एफडीआई नीति को उदार बना चुकी है। देश में एफडीआई चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-दिसंबर के दौरान 40 फीसदी बढ़कर 29.44 अरब डॉलर रहा है।