नई दिल्ली। सरकार ने काला धन रखने वालों को एक और मौका देते हुए नोटबंदी (Demonetisation) के बाद जमा राशि की घोषणा पर कर, जुर्माना तथा अधिभार के रूप में कुल 50 प्रतिशत वसूली का प्रस्ताव आज संसद में किया। सरकार ने यह भी प्रस्ताव किया है कि इस अवधि में धन जमा कराने वालों के बारे में यदि यह सबित हुआ कि उन्होंने काला धन रखा है तो उनसे अधिक उंची दर और कड़े जुर्माने के साथ कुल 85 प्रतिशत की दर से वसूली की जाएगी।
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तस्वीरों में देखिए इन छोटी जगहों पर भी हो रहा है Paytm का इस्तेमाल
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ये है प्रस्ताव की प्रमुख बातें
- आय को कम दिखाये जाने पर 50 प्रतिशत तथा गलत जानकारी देने पर 200 प्रतिशत कर लगाने का वर्तमान प्रावधान बना रहेगा और उसमें कोई बदलाव नहीं किया जा रहा है।
- अघोषित आय पर 10 प्रतिशत जुर्माना लगेगा। साथ ही पीएमजीके उपकर नाम से 33 प्रतिशत अधिभार (30 प्रतिशत का 33 प्रतिशत) लगाया जाएगा।
- इसके अलावा, घोषणा करने वालों को अघोषित आय का 25 प्रतिशत उस योजना में लगानी होगी जिसे सरकार रिजर्व बैंक के साथ विचार कर अधिसूचित करेगी।
- संशोधन विधेयक में प्रस्ताव किया गया है कि अघोषित आय का 25 फीसदी प्रधानमंत्री गरीब कल्याण डिपॉजिट स्कीम में जमा किया जाएगा।
- सबसे बड़ी बात यह है कि ढाई लाख रुपए पुराने नोट (Demonetised) नोट जमा करने वाले हर व्यक्ति को इस स्कीम के तहत सरकार की तरफ से राहत नहीं मिलेेगी।
- आयकर अधिकारी पुराने नोटों के सभी महत्वपूर्ण डिपॉजिट पर गौर करेंगे कि बेहिसाब धन या परिवार के विभिन्न सदस्यों के नाम से तो पैसे नहीं जमा करवाए गए हैं।
काले धन की घोषणा करने के लिए चार साल की लॉक-इन अवधि
- काले धन की घोषणा करने वालों को गरीबी उन्मूलन योजनाओं में बिना ब्याज के 25 फीसदी रकम जमा करवानी होगी।
- इसके अलावा, जमा करवाई गई रकम चार साल से पहले नहीं निकाली जा सकती।
- अघोषित आय की घोषणा न करने वाले अगर पकड़ में आते हैं तो उन पर 85 फीसदी पेनाल्टी लगाने का प्रस्ताव है।
संशोधन विधेयक के उद्देश्य और कारणों के बारे में कहा गया है कि न्याया और समानता की दृष्टि से इस योजना में आयी राशि का उपयोग सिंचाई, आवास, शौचालय, बुनियादी ढांचा, प्राथमिक शिक्षा, प्राथमिक स्वास्थ्य तथा आजीविका जैसी परियोजनाओं में किया जाएगा।
आयकर कानून की धारा 115बीबीई में संशोधन का प्रस्ताव
- कराधान कानून (दूसरा संशोधन विधेयक), 2016 शीर्षक इस विधेयक के माध्यम से आयकर कानून की धारा 115BBE में संशोधन का प्रस्ताव करता है।
- यह धारा ऐसे कर्जों, निवेश, नकद धन तथा अन्य संपत्ति पर दंडात्मक कर, अधिभार तथा जुर्माने से संबंधित है जिनको लेकर कोई हिसाब न सफाई न दी जा सके।
- ऐसे मामलों में मौजूदा 30 प्रतिशत कर के साथ अधिभार और उपकर के प्रावधान के विपरीत ऐसी संशोधन के जरिए 60 प्रतिशत की उच्च दर से कर लगाने का प्रस्ताव कियाा गया है।
- साथ ही कर का 25 प्रतिशत अधिभार (आय का 15 प्रतिशत) देना होगा। इस प्रकार, कुल कर भार 75 प्रतिशत होगा। इसमें खर्च, कटौती आदि काटने की अनुमति नहीं होगी।
- साथ ही आकलन अधिकारी 10 प्रतिशत अतिरिक्त जुर्माना लगा सकता है। इससे आय के बारे में जानकारी नहीं देने पर 85 प्रतिशत कर लगेगा।
सीए फर्म गर्ग नवीन एंड कंपनी के चार्टर्ड एकाउंटेंट एनके गर्ग के अनुसार अघोषित आय पर इस प्रकार लगेगा टैक्स –
अगर घोषणा करने वाना गरीब कल्याण योजना में योगदान करने अपनी इच्छा से आता है : बैंक में रकम जमा करवाने पर उसे जमा कराई गई कुल राशि पर 30 फीसदी की दर से टैक्स, 10 फीसदी की दर से जुर्माना और टैक्स के 33 फीसदी की दर से सेस देना होगा। कुल राशि का एक चौथाई बगैर ब्याज वाले 4 साल की जमा योजना में डाली जाएगी जबकि बाकी रकम तुरंत मिल जाएगी। दूसरे शब्दों में कहें तो 1 करोड़ रुपए की अघोषित आय में से 50 लाख रुपए सरकार के पास आएगी। बाकी 25 लाख रुपए चार साल बाद मिलेंगे, जबकि शेष 25 फीसदी जमाकर्ता को तुरंत मिल जाएगा।
अगर जमाकर्ता गरीब कल्याण योजना में भाग नहीं लेता है : अगर कोई व्यक्ति गरीब कल्याण योजना में भाग नहीं लेता है और आयकर विभाग को स्वेच्छा से जानकारी नहीं देता है तो उसकी आय 60 फीसदी की दर से टैक्स लगाया जाएगा। साथ ही कुल रकम का 10 फीसदी सरचार्ज लगेगा 3 फीसदी एजुकेशन सेस। अायकर विभाग बाद में 10 फीसदी की दर से जुर्माना भी लगा सकता है, यानी कुल मिलाकर टैक्स 72 फीसदी लगेगा। दूसरे शब्दों में कहें तो यदि 1 करोड़ रुपए की अघोषित रकम जमा की जाती है तो यहां व्यक्ति को सिफ 28 लाख रुपए ही वापस मिलेंगे।
छापा मारा जाने की स्थिति में : आयकर विभाग की ओर से छापा मारे जाने की सूरत में अगर व्यक्ति अपनी आय प्रदर्शित करता है और रिटर्न दाखिल करता है तो जब्त की गयी रकम पर कुल मिलाकर 85 फीसदी टैक्स, जुर्माना और सेस लगेगा। यानी 1 करोड़ रुपए की अघोषित आय में से सिर्फ 15 लाख रुपए मिलेंगे। अगर वह अपने रिटर्न में इसे नहीं दर्शाता तो उसे सारे पैसे से हाथ धोने होंगे।
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एक सरकारी अधिकारी ने कहा
8 नवंबर के बाद 2.5 लाख रुपए अकाउंट में जमा करवाने की छूट थी। लेकिन अगर किसी ने परिवार के चार सदस्यों में बांट कर यह रकम जमा करवाई है तो इस पर गौर करने की जरूरत होगी।
10 नवंबर को राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने कहा था कि हमें 10 नवंबर से 30 दिसंबर तक की जाने वाली वैसे सभी नकद जमा की रिपोर्ट मिल रही है जहां रकम 2.5 लाख रुपए से अधिक है। आयकर विभाग जमाकर्ताओं द्वारा दाखिल किए गए रिटर्न से इसे मेल कराएगा। इसके अनुसार, कार्रवाई की जाएगी।