नई दिल्ली। जुकाम या बुखार आने पर आम तौर पर भारत में इस्तेमाल होने वाली कई प्रमुख दवाएं अब आप नहीं खरीद सकेंगे। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने 328 फिक्स डोज कॉम्बिनेशन (FDC) दवाओं की बिक्री पर तुरंत प्रभाव से रोक लगा दी गई है। जिन दवाओं की बिक्री पर रोक लगी है उनका भारत में न तो उत्पादन हो सकेगा और न ही उन्हें बेचा जा सकेगा।
FDC दवाएं वह दवाए हैं जिन्हें दो या अधिक दवाओं को मिलाकर बनाया जाता है। जिन दवाओं की बिक्री पर स्वास्थ्य मंत्रालय ने रोक लगाई है उस लिस्ट में सेरिडॉन, डीकोल्ड, कोरेक्स, जीरोडॉल और विक्स एक्शन-500 जैसे कई नाम हैं जिनका इस्तेमाल देश में आम तौर पर जुकाम और बुखार के लिए किया जाता है।
6 FDC दवाएं ऐसी भी हैं जिनपर प्रतिबंध नहीं लगा है लेकिन उन्हें बिना डाक्टर की सलाह के बेचना गैर कानूनी कर दिया गया है। लिस्ट में जितनी भी दवाएं हैं उनके साइड इफेक्ट्स को देखते हुए अधिकतर को दुनिया के कई देशों में पहले ही प्रतिबंधित कर दिया गया है, लेकिन भारत में इनकी बिक्री जारी थी।
जिन दवाओं की बिक्री पर रोक लगी हुई है उनमें कई दवाओं का बहुत बड़ा बाजार है, AIOCD फार्मट्रैक के आंकड़ों के मुताबिक मैक्ल्योड फार्मा की पैनड्रम प्लस का लगभग 184 करोड़ रुपए का मार्केट था, जबकि पीरामल हेल्थकेयर के सेरिडॉन का 57 करोड़ रुपए का बाजार है। आंकड़ों के मुताबिक माइक्रो लैब की ट्रिपराइड का लगभग 53 करोड़ रुपए का बाजार है, अबोट इंडिया की ट्रिबेट का 48 करोड़ रुपए, लुपिन की ग्लूकोनॉर्म पीजी का 46 करोड़ रुपए और ऑलकैम लैब की टेक्सिम एजेड का 31 करोड़ रुपए का मार्केट है।