नई दिल्ली। सरकार को भारतीय रिजर्व बैंक से 10,000 करोड़ रुपए का अंतरिम लाभांश मिल सकता है। सूत्रों ने आज यह जानकारी दी। सूत्रों ने बताया कि सरकार उम्मीद कर रही है कि वित्त वर्ष 2017-18 में उसे रिजर्व बैंक से कुल 45,000 करोड़ रुपए का लाभांश मिलेगा। आरबीआई का वित्त वर्ष जुलाई से जून तक चलता है।
सूत्रों ने कहा कि लाभांश भुगतान को लेकर रिजर्व बैंक और सरकार के बीच बातचीत अभी चल रही है। अभी तक कोई अंतिम निर्णय नहीं हुआ है। इस बारे में रिजर्व बैंक को भेजे गए ईमेल का जवाब नहीं मिला। इससे पहले रिजर्व बैंक ने सरकार के अतिरिक्त भुगतान के अनुरोध को ठुकरा दिया था। आरबीआई द्वारा सरकार को किए जाने वाले लाभांष भुगतान के पांच साल के सबसे निचले स्तर पर पहुंचने के बाद सरकार ने यह अनुरोध किया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार 2019 के आम चुनाव में जीत पक्की करने क लिए खर्च को बढ़ावा देने और सरकार के राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को पूरा करने के लिए केंद्रीय बैंक से समर्थन चाहती है।
रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 के तहत केंद्रीय बैंक को डूबे और संदिग्ध कर्ज, मूल्यह्रास और कर्मचारियों को भुगतान तथा सेवानिवृत्ति कोष के लिए राशि रखने के बाद अधिशेष सरकार को देना होता है।
अगस्त, 2017 में रिजर्व बैंक ने जून, 2017 को समाप्त होने वाले वित्त वर्ष के लिए सरकार को 30,659 करोड़ रुपए का लाभांश दिया था। यह वित्त वर्ष 2015-16 में दिए गए लाभांश 65,876 करोड़ रुपए का आधा भी नहीं है।
सरकार ने बजट में केंद्रीय बैंक से चालू वित्त वर्ष में 58,000 करोड़ रुपए के लाभांश का लक्ष्य तय किया था। रिजर्व बैंक का मुनाफा 44,000 करोड़ रुपए है, जिसमें से उसने 30,000 करोड़ रुपए वितरित कर दिए हैं। 13,000 करोड़ रुपए उसने जोखिम और रिजर्व के रूप में रखे थे। अब सरकार ने सुझाव दिया है कि वह यह 13,000 करोड़ रुपए भी उसे स्थानांतरित कर दे।