योग के बाद अब भारत सरकार देसी घी को दुनिया भर में पहचान दिलाने में जुट गई है। अधिकारियों की माने तो फिलहाल जैतून के तेल की दुनिया भर में स्वीकार्यता है ऐसे में भारत की तरफ से देसी घी को जैतून तेल का विकल्प बना कर सामने रखा जा सकता है। केंद्रीय पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के सचिव अतुल चतुर्वेदी के मुताबिक योग की तरफ देसी घी की ब्रैंडिग करने की जरूरत है।
सचिव के मुताबिक खाने बनाने में देसी घी दुनिया का एकमात्र माध्यम है जिसका एक से अधिक बार उपयोग करने से कोई नुकसान नहीं होता। ऐसे में घी जैतून तेल की तुलना में बेहतर साबित हो सकता है। इसी सिलसिले में केंद्र सरकार ने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के वैज्ञानिकों को जैतून तेल के मुकाबले देसी घी में पाए जाने वाले पौष्टिक व गुणकारी तत्वों की तुलना रिपोर्ट सौंपने को कहा है। सरकार की योजना है कि बेहतर नतीजे मिलने पर सरकार दुनिया भर में देसी घी को जैतून का विकल्प बना कर पेश कर सकती है।
अतुल चतुर्वेदी ने कहा कि देसी घी जैतून से बेहतर है और इसकी ब्रैंडिंग की जानी जरूरी है। उनके मुताबिक जिस तरह योग की ब्रैडिंग की गई है उसी तरह देसी घी की ब्रैंडिंग की जाए तो ये दुनिया भर में भारत का अच्छा उत्पाद बन सकता है। सरकार को उम्मीद है कि विशेषज्ञों के द्वारा देसी घी को लेकर सकारात्मक रिपोर्ट मिलने पर देसी घी के निर्यात के अवसर मिलेंगे
नई दिल्ली, 31 जनवरी (आईएएनएस)| जैतून का तेल दुनिया में सबसे अच्छा व स्वास्थ्यवर्धक तेल माना जाता है, लेकिन भारत अब देसी घी को दुनिया के बाजारों में उतार कर जैतून के तेल को टक्कर देने की योजना बना रहा है। केंद्रीय पशुपालन व डेयरी मंत्रालय में सचिव अतुल चतुर्वेदी का कहना है कि योग की तरह देसी घी की ब्रैंडिंग करने की जरूरत है। आयुर्वेद में घी को खाने के तेलों में सर्वश्रेष्ठ माना गया है जो पित्त और वात दोष में गुणकारी होता है। घी का उपयोग औषधि के रूप में भी किया जाता है।